चुनाव हारते ही माजिद अली को मायावती ने दिखाया पार्टी से बाहर का रास्ता, भाई केआरके का ट्वीट भी पड़ा भारी, बोले मुझे नहीं है निष्कासन की जानकारी।

सहारनपुर: बहुजन समाज पार्टी ने लोकसभा प्रत्याशी माजिद अली को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। उन पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप लगे हैं।   
सहारनपुर लोकसभा सीट से बुरी तरह चुनाव हारते ही माजिद अली को बड़े भाई सहित बहुजन समाज पार्टी ने निष्कासित कर दिया है। माजिद का निष्कासन राजनीतिग गलियारों में चर्चाओं का विषय बना हुआ है। 
माजिद अली की बसपा से दूरी की पहली घटना नहीं है। उनकी पत्नी तस्मीम बानो वर्ष 2016 में बसपा के टिकट पर जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव जीती थी। इसके बाद माजिद पांच साल पार्टी में रहे और हर एक गतिविधियों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया, लेकिन 2021 के जिला पंचायत चुनाव के दौरान पार्टी और उनके बीच कुछ मतभेद हो गए। फिर वह आजाद समाज पार्टी में शामिल हो गए, लेकिन तीन दिसंबर 2023 को वह बसपा में लौट आए। पश्चिमी उत्तर प्रदेश प्रभारी शमसुद्दीन राइन ने उन्हें पार्टी की सदस्यता ग्रहण कराने के साथ ही लोकसभा प्रभारी भी घोषित किया था। तब से वह लगातार पार्टी के साथ जुड़े हुए थे। लेकिन लोकसभा चुनाव में वह जमानत भी नहीं बचा सके। परिणाम आने के एक दिन बाद ही बसपा ने उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल रहने एवं अनुशासनहीनता के चलते निष्कासित कर दिया है। उनके बड़े भाई केआरके को भी निष्कासित किया गया है।
जिलाध्यक्ष जनेश्वर प्रसाद ने कहा कि माजिद तो पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल थे ही। उनके भाई केआरके ने सोशल मीडिया के जरिए बहन मायावती के खिलाफ अपशब्द लिखे हैं, जिसे लेकर कार्रवाई की गई है। 

मुझे जानकारी नहीं
माजिद अली ने बताया कि निष्कासन संबंधी कोई फोन कॉल जिलाध्यक्ष की ओर से उनके पास नहीं आया है। उन्हें सोशल मीडिया के माध्यम से निष्कासन की जानकारी मिली है। रही बात केआरके के निष्कासन की तो वह कभी पार्टी में नहीं रहा। हमसे उसका बहुज ज्यादा ताल्लुक नहीं है। बहनजी ने जो कार्रवाई की है वह उसके खिलाफ कुछ नहीं बोलेंगे। 

समीर चौधरी

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