एनसीपीसीआर ने एक बार फिर दारुल उलूम पर कार्रवाई को डीएम-एसएसपी को भेजा पत्र, पाकिस्तानी व्यक्ति द्वारा पूछे गए इस सवाल पर जताई आपत्ति।

देवबंद: राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने एक बार फिर इस्लामी तालीम के प्रमुख केंद्र दारुल उलूम देवबंद की ऑनलाइन फतवे पर आपत्ति दर्ज की है। इस बार आयोग ने पाकिस्तान से एक व्यक्ति द्वारा पूछे गए सवाल पर दारुल उलूम को घेरते हुए डीएम और एसएसपी को पत्र भेजकर संस्था के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने को कहा है। इससे पूर्व आयोग फतवा गजवा ए हिंद पर भी दारुल उलूम को नोटिस दे चुका है।

एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने जनपद सहारनपुर के डीएम दिनेश चंद्र और एसएसपी विपिन ताड़ा को भेजे पत्र में कहा है कि आयोग को दारुल उलूम देवबंद की वेबसाइट पर आपत्तिजनक सामग्री मिली है। यह एक फतवा है, जिसमें पाकिस्तान के एक व्यक्ति ने गैर मुस्लिम ताकतों पर आत्मघाती हमले के बारे में पूछा है। जिसमें दारुल उलूम ने आत्मघाती हमलों को अमान्य और अवैध प्रकृति का बताने के बजाय यह कहा है कि फतवा धारक अपने स्थानीय विद्वान से परामर्श लें। पत्र में कानूनगो ने कहा कि इस तरह का जवाब उकसाता है कि गैर मुसलमानों के बीच अंतर्राष्ट्रीय नरसंहार, आतंकवादी हमले वैध है। इस तरह के फतवे राष्ट्रीय सुरक्षा का भी मामला हैं और इससे बच्चों पर भी बुरा असर पड़ता है। आयोग ने डीएम व एसएसपी से कार्रवाई कर इसकी रिपोर्ट तीन दिनों के भीतर आयोग को भेजने को कहा है। आयोग के चेयरमैन ने यह पत्र यूपी के मुख्य सचिव और राज्य गृह विभाग के सचिव को भी भेजा है। इस सम्बंध में पुलिस क्षेत्राधिकारी अशोक सिसोदिया का कहना है कि मामले में जांच शुरू कर दी गई है। जांच के बाद रिपोर्ट अधिकारियों को भेज दी जाएगी।
उधर, दारुल उलूम देवबंद के कार्यवाहक मोहतमिम मुफ्ती राशिद आज़मी की ओर अशरफ उस्मानी ने कहा कि आयोग के इस तरह के नोटिस की कोई जानकारी नहीं है। इस संबंध में संस्था को कोई नोटिस भी प्राप्त नहीं हुआ है। कहा कि जिस फतवे के हवाले से खबर चल रही है संस्था की वेबसाइट पर ऐसा कोई फतवा नहीं है।

समीर चौधरी।

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