विवादों के बीच दारुल उलूम में 28 फरवरी को होगी मजलिस-ए-शूरा की बैठक, फतवा वेबसाइट को किया जा सकता है बंद, देश-विदेश से दो करोड लोग देखते हैं संस्था की वेबसाइट।

देवबंद: विवादों के बीच दारुल उलूम की सुप्रीम पावर मजलिस-ए-शूरा (एग्जीक्यूटिव कमेटी) की तीन दिवसीय बैठक का आयोजन 28 फरवरी से होगा। माना जा रहा है कि गजवा-ए-हिंद के मुद्दे को उठाने वाले राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग को लेकर शूरा महत्वपूर्ण निर्णय ले सकती है। वहीं दारुल उलूम देवबंद ऑनलाइन फतवा सर्विस और फतवा वेबसाइट को बंद करने पर भी विचार किया जा रहा है। हालांकि इस पर अभी जिम्मेदार एक राय नहीं है और इस पर अंतिम मोहर शूरा में ही लगेगी। उधर, दारुल उलूम देवबंद की मोहतमिम मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी ने डीएम एसपी को अपना लिखित जवाब भेज दिया।
 
दारुल उलूम के मेहमानखाने में शैक्षिक सुधार को लेकर आयोजित होने वाली मजलिस-ए-शूरा की तीन दिवसीय होगा। संस्था के तंजीम-ओ-तरक्की विभाग के उपप्रभारी अशरफ उस्मानी ने बताया कि बैठक का आयोजन 28 फरवरी से 1 मार्च तक होगा। इसमें शिक्षा, बच्चों के रहन सहन, अध्यापकों सहित शिक्षा विभाग से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर विचार किया जाएगा। साथ ही व्यवस्थाओं को ओर अधिक बेहतर बनाने को लेकर निर्णय लिए जाएंगे। वहीं, बताया जाता है कि शूरा की बैठक में गजवा-ए-हिंद को लेकर हुए विवाद पर भी गंभीरता से विचार मंथन किया जाएगा। माना जा रहा है कि देश के कोने कोने से आने वाले मजलिस-ए-शूरा के सदस्य एनसीपीसीआर द्वारा गजवा-ए-हिंद का मुद्दा उठाने को लेकर कोई ठोस फैसला कर सकते हैं।

वहीं इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारुल उलूम अपनी वेबसाइट को विवादों के बाद बंद करने का मन बना रहा है। प्रबंधन भी लगातार विचार कर रहा है। हालांकि अभी तक इसको लेकर अंतिम मोहर नहीं लगी है। ऐसे में माना जा रहा है कि दारुल उलूम की सुप्रीम पावर मजलिस-ए-शूरा में सहमति बन सकती है। हालांकि देश-विदेश के दो करोड़ लोगों द्वारा प्रतिमाह दारुल उलूम की वेबसाइट को देखा जाता है। 
ऑनलाइन दिए जा चुके 40 हजार फतवे दारुल उलूम का दारुल इफ्ता (फतवा विभाग) वैसे तो एक लाख से ज्यादा फतवे जारी कर चुका है। लेकिन 2008 के बाद फतवा विभाग ऑनलाइन होने के बाद 40 हजार से अधिक फतवे जारी कर चुका है। शरीयत को मानने वाले लोग सवाल करते हैं और फतवा विभाग शरीयत के हिसाब से फतवों का जवाब देता है।

दारुल उलूम की वेबसाइट पर अलग-अलग विषयों पर लिए गए फतवों की अलग से श्रेणी बनाई हुई। जैसे तलाक, निकाह, हलाल, हराम, रोजगार, पढ़ाई, जमीन आदि ऐसे मुद्दों पर जो फतवे लिए गए हैं उन्हें पढ़ा जा सकता है। वेबसाइट का आसानी से इस्तेमाल हो सके, इसके लिए फतवों को अंग्रेजी, हिंदी और उर्दू भाषा में भी डाला गया है। वेबसाइट पर अलग-अलग भाषा की धार्मिक पुस्तकें भी अपलोड की गई हैं।

बता दें कि दारुल उलूम के खिलाफ अभी तक कभी किसी मामले में रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई है। डॉ. विपिन ताड़ा, एसएसपी सहारनपुर ने बताया कि इस मामले में एसडीएम और सीओ की कमेटी बनाई गई है। जो जांच कर रही है। अभी तक जांच रिपोर्ट नहीं मिली है। जांच रिपोर्ट के आधार पर आगामी कार्रवाई की जाएगी। 

समीर चौधरी।

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