देवबंद: प्रदेश की योगी सरकार द्वारा धार्मिक स्थलों पर लगे लाउडस्पीकर या साउंड एमप्लीफायर के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है, जिसके तहत देवबंद के साथ जनपद में अधिकारियों ने धार्मिक स्थलों पर लगे लाउडस्पीकर को उतरवाने की कार्रवाई आरंभ कर दी है, इतना ही नहीं बल्कि सोमवार को तो सुबह फजर की नमाज के समय ही अभियान चलाकर यह कार्रवाई की गई, जिसको लेकर लोगों में नाराजगी भी देखने को मिल रही है, हालांकि प्रशासन का कहना है कि सरकार के आदेश पर यह कार्रवाई की जा रही है और सभी धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर को उतरवाया जा रहा है।
देवबंद में नगर के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्र में धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर उतरवाए गए। इस संबंध में सांसद हाजी फजलुर्रहमान और जमा मस्जिद सहारनपुर के मैनेजर मौलाना फरीद मजाहिरी ने डीएम और एसएसपी से मुलाकात की। एसएसपी डॉ. विपिन ताड़ा ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार शासन के आदेश पर यह कार्रवाई की जा रही है, यह किसी धर्म विशेष के खिलाफ नहीं है बल्कि सभी धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर उतरवाए जा रहे हैं।
उधर इस संबंध में सोमवार की शाम कोतवाली देवबंद में मस्जिदों के मुतवल्लियों और जिम्मेदारों की एक बैठक भी कोतवाली प्रभारी द्वारा बुलाई गई, जिसमें उन्हें सुप्रीम कोर्ट और शासन के आदेश से आगाह कराया गया हालांकि इस दौरान परमिशन को लेकर कई धार्मिक स्थलों के जिम्मेदारों ने सवाल खड़े किए।
बता दें कि प्रशासन बीते कई दिनों से धार्मिक स्थलों के प्रबंधकों को स्वयं लाउडस्पीकर उतारने को निर्देशित कर रहा था। जिसके चलते नगर स्थित कई धार्मिक स्थलों से पहले प्रबंधकों द्वारा उतार दिए गए थे। बीती रात व मंगलवार को देवबंद के मोहल्ला खानकाह, बढ़जिया उलहक, पठानपुरा सहित नगर के विभिन्न स्थानों और गांव थीथकी, मानकी, गोपाली, राजूपुर सहित खेड़ा मुगल क्षेत्र के सभी धार्मिक स्थलों पर पुलिस प्रशासन ने शासन की मंशा के अनुरूप सभी लाउडस्पीकरों को उतरवा दिया।
कोतवाली प्रभारी ने बताया कि क्षेत्र के कई स्थानों से लाउडस्पीकर उतरवा दिए गए हैं। बताया कि अभी 126 स्थानों को चिन्हित किया गया है जहां कार्रवाई की जा रही है।जिससे क्षेत्र को ध्वनि प्रदुषण मुक्त करा दिया जाएगा।
उधर कुछ धार्मिक स्थलों के प्रबंधकों का कहना है कि उनके पास लाउडस्पीकर लगाने की अनुमति है जो कि काफी समय पहले ले ली गई थी। उसके बावजूद भी प्रशासन द्वारा लाउडस्पीकर उतरवाये जाना समझ से परे है।
समीर चौधरी/रियाज़ अहमद।
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