खस्ताहाल सड़क से बेहाल ग्रामीणों ने स्वयं शुरु किया सड़क का निर्माण, कहीं नहीं हुई सुनवाई तो चंदा कर सडक़ को चलने लायक बनाने में लगे।

देवबंद: जनता को गड्ढा मुक्त सडक़ देने के वादे के बावजूद लोग गड्ढों में मौजूद सडक़ पर चलने को मजबूर है। ऐसे ही हाल से बेहाल गांव हाशिमपुरा के लोगों ने स्वयं ही अपने गांव की सडक़ को चलने काबिल बनाने का बीड़ा उठाया है और आपस में पैसे एकत्रित करते हुए सडक़ निर्माण का काम भी शुरू कर दिया है।

क्षेत्र के गांव हाशिमपुरा के ग्रामीण नूरहसन सुलेमान, नौशाद, सद्दाम, नूरा आदि का कहना है कि उनका गांव स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधि की उपेक्षा का शिकार है। गांव की एक सडक़ पूरी तरह गडढ़ों में बदल चुकी है जिसमें गंदा पानी भरा रहता है। इसके चलते उक्त सडक़ से पैदल तक चलना दूभर हो गया है। प्रशासन और ग्राम प्रधान से कई बार उक्त सडक़ को ठीक कराने की गुहार लगाई गई लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई। इसी के चलते अब ग्रामीणों ने स्वयं चंदा एकत्रित कर सडक़ बनाने का फैसला किया है और गडढा युक्त सडक़ को गडढा मुक्त बनाने का काम भी शुरू कर दिया गया है। ग्रामीणों का कहना है कि इस कार्य में प्रशासन या ग्राम प्रधान का कोई सहयोग नहीं लिया गया है। वहीं, ग्राम प्रधान अब्दुल सत्तार का कहना है कि उक्त सडक़ को कार्य योजना में चढ़वाया हुआ है। लेकिन शासन से पैसा नहीं आ रहा है। ग्रामीणों को इस संबंध में बताया भी गया। लेकिन वह गांव की पार्टी बाजी के चक्कर में उनकी कोई बात सुनने को तैयार नहीं है।

समीर चौधरी/रियाज़ अहमद।

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