देवबंद: विश्वविख्यात इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारुल उलूम देवबंद ने अपील जारी करते हुए मुसलमानों से कहा है कि वह प्रतिबंधित जानवरों की कुर्बानी हरगिज न करें, खुले में कुर्बानी न करें, साफ सफाई का ध्यान रखें और सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार अपने त्यौहार को खुशियों के साथ मनाएं।
सोमवार को दारुल उलूम देवबंद के वरिष्ठ उस्ताद मुफ्ती मुज़म्मिल मुजफ्फरनगरी ने दारुल उलूम देवबंद की ओर से जारी अपील में सभी मुसलमानों को ईद उल अजहा की मुबारकबाद देते हुए कहा कि हमारे बुजुर्गों और बड़ों ने हमेशा से प्रतिबंधित जानवरों की कुर्बानी से मना किया है इसलिए हर मुसलमान इसका ख्याल रखे और प्रतिबंधित जानवरों की कुर्बानी से हमेशा की तरह दूर रहे। उन्होंने यह भी कहा कि खुले में कुर्बानी न करें, सड़कों और रास्तों पर बिल्कुल कुर्बानी न करें, साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें, जानवरों के अवशेष को सड़कों या नालियों में न डालें बल्कि नगर पालिका द्वारा की गई व्यवस्था के अनुसार ही अवशेषों को गाड़ियों में डालें और इस बात का खास ध्यान रखें कि देश में रहने वाले अन्य धर्मों के लोगों को किसी भी तरह की इससे परेशानी न हो।
मुफ्ती मुजम्मिल क़ासमी ने अपने बयान में कहा कि मुसलमानों को इस बात का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए कि सड़कों और रास्ते पर नमाज पढ़ने पर पाबंदी है इसलिए उन्हें ईदगाह और मस्जिदों के परिसर के अंदर ही नमाज पढ़नी चाहिए। उन्होंने बताया कि दारुल उलूम देवबंद की मस्जिद रशीद में सुबह 6:00 बजे ईद की नमाज अदा की जाएगी।
ईदगाह कमेटी के सचिव मोहम्मद अनस सिद्दीकी ने भी जारी अपील के दौरान कहा कि ईदगाह में ईद की नमाज सुबह 6:45 बजे अदा की जाएगी, इसलिए सभी लोग समय पर पहुंचे और सड़कों व रास्ते में नमाज न पढ़ें बल्कि ईदगाह के अंदर ही समय से पहुंचकर नमाज़ अदा करें। उन्होंने प्रतिबंधित जानवरों की कुर्बानी न देने और साफ सफाई का विशेष ध्यान रखने का आह्वान किया। मरकज़ी जामा मस्जिद देवबंद के मुतवल्ली खुर्रम उस्मानी ने अपील जारी करते हुए बताया कि जामा मस्जिद में सुबह 7:00 बजे ईद की नमाज अदा की जाएगी। उन्होंने साफ सफाई का ख्याल रखने, सड़कों पर नमाज न पढ़ने और उन जानवरों की कुर्बानी न करने की अपील की जिन जानवरों की कुर्बानी पर सरकार की ओर से प्रतिबंध लगाया गया है।
गौरतलब है कि ईदुल अजहा का त्यौहार 29, 30 जून और 1 जुलाई को मनाया जाएगा।
समीर चौधरी/रियाज़ अहमद।
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