"लव जिहाद" पर फतवा लेने देवबंद पहुंचे हिंदू संगठनों के नेता, अधिकारियों ने कराई बात, दारुल उलूम पर लगाया फतवा न देने का आरोप, संस्था के खिलाफ संयुक्त रूप से आंदोलन छेड़ने की चेतावनी।

देवबंद: मुस्लिम युवक हाथ में कलावा क्यों बांधते हैं? इस मामले में फतवा लेने सोमवार को हिन्दू संगठन क्रांति सेना व शिवसेना के पदाधिकारी देवबंद पहुंचे और सीओ कार्यालय से दारुल उलूम देवबंद के प्रबंधन से फोन पर वार्ता की। क्रांति सेना के पदाधिकारियों का आरोप है कि उन्हें दारुल उलूम ने फतवा देने से इंकार कर दिया है। चेतावनी दी कि वह अब वह संयुक्त रूप से संस्था के खिलाफ आंदोलन छेड़ेंगे।

हिन्दू संगठनों के नेताओं ने दारुल उलूम से लव जिहाद के संबंध में फतवा लेने के मामले में सोमवार को सहारनपुर में एसएसपी और देवबंद में सीओ से मुलाकात की। इस दौरान हिंदू संगठनों के पदाधिकारियों ने दारुल उलूम पर लव जिहाद की घटनाओं का समर्थन किए जाने का आरोप लगाया।

क्रांति सेना के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष योगेंद्र सिरोही और प्रदेश महासचिव मनोज सैनी के नेतृत्व में पदाधिकारी सहारनपुर में एसएसपी डॉ. विपिन ताड़ा से मिले। उन्होंने बताया की 10 जून को प्रस्तावित कार्यक्रम को प्रशासन ने क्रांति सेना व शिवसेना के नेताओं को नजरबंद कर रोक दिया था। मामले में प्रतिनिधिमंडल में एसएसपी से दारुल उलूम देवबंद से फतवा मांगने की अनुमति देने की मांग की। जिस पर उन्होंने सीओ देवबंद को फोन कर क्रांति सेना व शिवसेना नेताओं की मुलाकात दारुल उलूम के किसी प्रतिनिधि से कराने के लिए कहा। जिस पर सभी लोग देवबंद आकर सीओ रामकरण से मिले। योगेंद्र सिरोही ने बताया कि सीओ ने मदरसा प्रबंधन से मुलाकात को लेकर वार्ता की, लेकिन प्रबंधन ने फतवा देने से इंकार कर दिया। वहीं, क्रांति सेना के नेताओं ने दारुल उलूम पर आरोप लगाया वे पूरे देश के अंदर लव जिहाद की घटनाओं का समर्थन कर रहा है। संभावना यह भी है कि वह इसके लिए युवकों को फंडिंग भी कर रहा है। नेताओं ने घोषणा करते हुए कहा की दारुल उलूम के खिलाफ क्रांति सेना व शिवसेना संयुक्त रुप से बड़ा आंदोलन शुरु करेगी। इसमें शिवसेना के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ. योगेंद्र शर्मा, सहारनपुर मंडल अध्यक्ष शरद कपूर, मुजफ्फरनगर जिला अध्यक्ष शिवसेना मुकेश त्यागी, क्रांति सेना के सहारनपुर जिलाध्यक्ष नीरज रोहिला, ब्लॉक अध्यक्ष गंगोह प्रदीप सैनी व प्रवीण कुमार आदि शामिल रहे।


उधर, सस्था के मोहतमिम मुफ्ती अबुल कासिम नौमानी ने कहा फतवा लेने के संबंध में संस्था के मुख्य कार्यालय में फोन आया था। जिन्हें फतवा विभाग से संपर्क करने को कहा गया। फतवा जारी करने का काम संस्था का मुख्य कार्यालय से नहीं बल्कि इफ्ता विभाग में मुफ्तियों की खंडपीठ करती है। यदि कोई इस संबंध में मुख्य कार्यालय से संपर्क करता तो उसे फतवा लेने से संबंधित प्रक्रिया की जानकारी नहीं है। कोई भी व्यक्ति अपने किसी भी इस्लामी मामले की जानकारी के लिए दारुल इफ्ता में डाक या ऑनलाइन लिखित सवालनामा डालकर फतवा ले सकता है। 


समीर चौधरी।


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