देवबंद: "देवबंद इतिहास" लिखने वाले प्रसिद्ध लेखक अली हसन सागर 71 साल की उम्र में बीमारी के चलते मंगलवार की सुबह तीन बजे निधन हो गया है।
उनके इंतकाल की खबर से नगर में शोक की लहर दौड़ गई और बड़ी संख्या में नगर के सामाजिक, राजनीतिक, लेखक और बुद्धिजीवियों का उनके मोहल्ला मोरी तेलियानी स्थित आवास पर तांता लग गया और उनके इंतकाल पर गहरा दुख व्यक्त किया।
अली हसन सागर एक लंबे समय से शुगर के मर्ज़ से लड़ रहे थे----मगर कभी थके, रुके या हार नही मानी थी----
22 मई 1954 को देवबन्द के मोहल्ला मोरी तेलियान में जन्मे अली हसन सागर स्नातक तक शिक्षित थे और 1972 से लेखन के क्षेत्र में थे-----उन्होंने राष्ट्रीय और स्थानीय स्तर के उर्दू-हिंदी सभी समाचारपत्रों में लिखा----प्रताप,मिलाप,वीर अर्जुन,तरुण मिलाप,रूबी,तहरीक ए इंसाफ,गौरव टाइम्स,करंट मेल,शाह टाइम्स,दैनिक जागरण,ख़िलाफ़त बुलेटिन में फ़िल्म,इतिहास और राजनीति पर उनके हज़ारों लेख प्रकाशित हुए।एक समय"मानव जगत"के चीफ ब्यूरो भी रहे---एक प्रकाशक-संपादक के रूप में उन्होंने "देवबन्द राजनीति" और"जनता की आवश्यकता"का लंबे समय तक प्रकाशन किया-----उन्होंने "देवबन्द इतिहास" लिखकर काफी प्रसिद्धि पाई----उनके जीवन मे उनके भाई इरशाद अली सागर की बड़ी भूमिका थी----वो दोनों भाई,दोस्त और एक-दूसरे के बढ़िया आलोचक थे।
अंतिम वर्षों में अली हसन सागर ने ग़ज़ल,कविता,गीत भी लिखे----और शोहरत पाई-----जाने वाले कब रुके-----मगर एक लेखक,इतिहासकार,शायर और कवि के रूप में उन्हें देवबन्द साहित्य सदैव याद रखेगा----उनको मुबारक महीना रमज़ान मिला---अल्लाह उनकी मग़फ़रत फरमाए---उनके दरजात बुलंद करे---अहले खाना को सबरे जमील दे।
समीर चौधरी/महताब आज़ाद।
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