मुसलमान होने की वजह से नहीं बन सका कभी कांग्रेस का अध्यक्ष, पूर्व कांग्रेसी गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस की मानसिकता पर उठाए सवाल।

दिल्ली: (शिब्ली रामपुरी) कांग्रेस के कभी वरिष्ठ नेताओं में शुमार रहे गुलाम नबी आजाद ने एक इंटरव्यू के दौरान दिल खोल कर अपनी बात रखी और कहा कि मैं उस वक्त तक पार्टी में रहा जब तक मैं आजाद बनकर काम करता रहा लेकिन जब आजादी खतरे में आ गई और लगने लगा कि अब काम नहीं चलेगा तो फिर मैंने पार्टी से किनारा करना ही बेहतर समझा।
एक मशहूर टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में गुलाम नबी आजाद ने कहा कि मुसलमान होने के नाते कांग्रेस का अध्यक्ष नहीं बन सका और सच तो यह है कि मुझसे भी ज्यादा अनुभवी मुस्लिम नेता कांग्रेस में रहे लेकिन उनको भी कांग्रेस ने इस जिम्मेदारी के लायक नहीं समझा इससे कांग्रेस की मानसिकता का पता चलता है। दरअसल हाल के दिनों में गुलाम नबी आजाद की एक किताब आजाद नाम से आई है जिसमें उन्होंने यह सब बातें लिखी हैं इस पर इंटरव्यू में पत्रकार ने उनसे सवाल किए जिसका उन्होंने बेबाकी से जवाब दिया।

उन्होंने कहा कि आजादी से पहले कांग्रेस के एक नहीं बल्कि कई मुस्लिम अध्यक्ष रह चुके हैं लेकिन आजादी के बाद से अब तक कांग्रेस का एक भी मुस्लिम अध्यक्ष नहीं बनाया जा सका यह साफ दिखाता है कि कांग्रेस किस मानसिकता पर चल रही है।
आजाद ने कहा कि मैं कांग्रेस में जब तक भी रहा आजादी के साथ रहा और कभी भी मुझ पर ऐसा कोई दबाव नहीं रहा कि मैं अपनी बात आजादी से ना रख सकूं लेकिन जब लगने लगा कि अब मेरी आजादी खतरे में है तो मैंने कांग्रेस को अलविदा कह दिया. इंटरव्यू के दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ की और उनको एक अच्छा नेता बताया।

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