देवबंद: जिला एवं क्षेत्र पंचायत की विकासकारी योजनाओं से उपेक्षित देवबंद से मकबरा राजबाह तक शहीद की गोहर उपेक्षा का शिकार हो रही है। आलम यह है कि किसानों द्वारा संपूर्ण समाधान दिवस में फरियाद लगाने के बाद भी सड़क की सुध लेने को विभाग तैयार नहीं है।
देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। देवबंद को गांव मकबरा और दुनीचंदपुर एवं करंजाली को जोड़ने वाली शहीद की गोहर 76 वर्षो में मात्र 500 मीटर ही खड़ंजा लग सका है। आलम यह है कि देवबंद से राजबाहे तक माात्र दो हजार 400 मीटर लंबी सड़क किसानों की अपने खेतों और राजबाहे तक आवाजाही होने के चलते जनप्रतिनिधि भी आंखे मूंदे हैं। जबकि उक्त सड़क देवबंद से 200 मीटर की दूरी पर नगर क्षेत्र की आबादी भी बस चुकी है। जबकि उक्त सड़क गांव मकबरा और दूनीचंदपुर के साथ-साथ गांव करंजाली का भी कनेक्टिड रास्ता है। लेकिन उपेक्षा के चलते उक्त रास्तें में बारिश के ही दिनों में नहीं आम दिनों में भी चलना दुर्भर रहता है। पिछले एक सप्ताह से मौसम की मार के चलते किसानों को अपने खेतों से मिल और कोल्हूओं तक गन्ने की फसल पहुंचाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। किसान धर्मपाल सैनी, धर्मेंद्र सैनी, मोनिश गौड़, भूरा, मुस्तकिम, नाहर सिंह, शाहिद और फरीद आदि ने बताया कि बारिश के दिनों में खेतों में पहुंचना दुर्भर हो जाता है। बताया कि किसानों को अपनी फसलों को मंडी और मिल पहुंचाने में मशक्कतों का सामना करना पड़ता है। एसडीएम संजीव कुमार ने बताया कि वह संबंधित विभाग के अधिकारियों से इस संबंध में बात कर शीघ्र समस्या का समाधान कराएंगे।
समीर चौधरी/रियाज़ अहमद।
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