नई दिल्ली: दिल्ली में आयोजित वूमेन्स वर्ल्ड बॉक्सिंग चैम्पियनशिप में भारतीय खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन किया. निकहत जरीन ने भारत को तीसरा गोल्ड मेडल दिलाया है। 50 किलो भारवर्ग के फाइनल मुकाबले में निकहत जरीन ने वियतनाम की गुयेन थी टैम को 5-0 से हराया. वहीं 75 किलो भारवर्ग में लवलीना बोरगोहेन भी ऑस्ट्रेलिया की कैटलीन पार्कर को 5-2 से हराकर गोल्ड जीतने में सफल रहीं. भारत ने इस विश्व चैम्पियनशिप में कुल चार गोल्ड मेडल जीते।
निकहत जरीन के मुकाबले की बात करें तो उस मैच में खेल का पहला राउंड काफी रोमांचक रहा. निकहत जरीन ने पहले राउंड में कुछ अच्छे वार किए, वहीं वियतनाम की टैम ने भी हिम्मत नहीं हारी और कुछ सॉलिड अपर कट लगाए. इसके बावजूद पहले राउंड में रेफरी ने सर्वसम्मति से निकहत के पक्ष में प्वाइंट दिए. निकहत जरीन को दूसरे दौर में अच्छी टक्कर मिली है और टैम ने 3-2 से वह राउंड जीता. फाइनल राउंड में दोनों मुक्केबाजों के बीच एक बार फिर कांटे की टक्कर देखने को मिली. इस तीसरे राउंड में निकहत ने विपक्षी खिलाड़ी से दूर रहने का प्रयास किया और आक्रमण के साथ-साथ बेहतर डिफेंस के दम पर टैम को पराजित किया।
मुश्किल हालात में निखत के परिवार का साथ रहा. निखत के पिता खुद पूर्व फुटबॉलर और क्रिकेटर रह चुके हैं ऐसे में निखत को उनके पिता का सपोर्ट रहा. निखत अक्सर लड़कों के साथ प्रैक्टिस करती थीं. उन्हें इस बारे में भी कई बातें सुनने को मिलती थीं लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. वह लगातार अपने काम पर फोकस करती रहीं।
निखत की शुरूआती तालीम निजामाबाद के निर्मला हृदय गर्ल्स हाई स्कूल से हुई. इसके बाद उन्होंने हैदराबाद के एवी कॉलेज से ग्रेजुएशन किया. इस दौरान निखत ने बॉक्सिंग की प्रैक्टिस जारी रखी. निखत चाचा बॉक्सिंग कोच हैं. वह अपने बेटों को बॉक्सिंग सिखाते हैं. ऐसे में निखत ने उन्हीं से बॉक्सिंग सीखी।
कॉलेज के दिनों में निखत ने अपने बॉक्सिंग करियर की शुरूआत की. वह कक्षा 10 में थीं जब उन्होंने 15 साल की उम्र में ही नेशनल सब जूनियर मीट में हिस्सा लिया. साल 2011 में निखत ने तुर्की में हुए महिला जूनियर यूथ वर्लड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में फ्लाई वेट में सोने का तमगा हासिल किया. इसी साल निखत ने 'अंतर्राष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ महिला युवा' और 'जूनियर विश्व चैंपियनशिप' में गोल्ड जीता. इसके बाद निखत ने बैंकॉक में हुए ओपन इंटरनेशनल बॉक्सिंग टूर्नामेंट में चांदी का पदक जीता. इसके बाद साल 2014 में निखत ने नेश्नल कप इंटरनेशनल बॉक्सिंग टूर्नामेंट में स्वर्ण जीता है
अब निखत ज़रीन का सपना है कि वह ओलंपिक खेलों में खेलें और वहां भी स्वर्ण पदक जीतें. जिस तरह से कामयाबी उनके कदम चूम रही है. उससे लगता है कि अगले साल होने वाले पेरिस ओलंपिक में वह कुछ अच्छा कर सकती हैं।
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