जयपुर: 13 मई 2008 को जयपुर में हुए सीरियल ब्लास्ट केस में बुधवार को हाईकोर्ट ने सभी चार आरोपियों को बरी कर दिया। जस्टिस पंकज भंडारी और समीर जैन की बेंच ने कहा कि जांच अधिकारी को कानून की जानकारी नहीं है। वहीं राज्य सरकार फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में है।
बता दें कि जयपुर में 13 मई 2008 में हुए सीरियल ब्लास्ट से पूरा गुलाबी नगर दहल गया था. इस बम ब्लास्ट में 71 लोगों की जान चली गई थी. इसे मामले को लेकर एक लंबी लड़ाई चल रही थी. जिसमें राजस्थान हाईकोर्ट ने ब्लास्ट से जुड़े सभी 4 दोषियों को बड़ी राहत दी है. जहां उन्हें कोर्ट ने बरी भी कर दिया है. दरअसल, मामले में विशेष न्यायालय ने 20 दिसंबर 2019 को फांसी की सजा का एलान किया था।
वहीं राजस्थान हाईकोर्ट ने मामले में डेथ रेफरेंस सहित दोषियों की ओर से पेश 28 अपीलों पर बुधवार को फैसला सुनाया। वहीं कोर्ट ने कहा कि मामले में एटीएस की ओर से भरोसेमंद सबूत पेश नहीं किए गए और कोर्ट ने सभी सबूतों को भी खारिज कर दिया है। कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि घटना को लेकर जनभावना जुड़ी है, लेकिन कोर्ट कानून और सबूतों के आधार पर फैसला देता है।
आरोपियों के वकील सैयद सदत अली ने बताया कि हाईकोर्ट ने एटीएस की पूरी थ्योरी को गलत बताया है। इसी वजह से आरोपियों को बरी कर दिया गया। वहीं, एडिशनल एडवोकेट जनरल (AAG) राजेश महर्षि ने कहा कि हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ हम सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करेंगे। इसकी तैयारी कर रहे हैं।
चारों आरोपियों के वकील सैय्यद अली ने बताया कि ये न्याय की जीत है। पिछले 16 सालों से हम न्याय की लड़ाई लड़ रहे थे. अब यह हमारे लिए राहत की खबर है।
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