जमीअत उलमा के महाधिवेशन में मौलाना अरशद मदनी के "अल्लाह और ओम एक ही हैं" वाले बयान पर जैन धर्म गुरु ने जताई आपत्ति।

नई दिल्ली: दिल्ली के रामलीला मैदान में जमीयत उलेमा-ए-हिंद (Jamiat Ulema-e-Hind) के अधिवेशन में मंच पर मौलाना अरशद मदनी के एक बयान के बाद जैन धर्म गुरु आपत्ति जताई।
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अधिवेशन के आखिरी दिन मौलाना अरशद मदनी के बयान पर आचार्य लोकेश मुनि (जैन मुनि) ने आपत्ति जताई। मौलाना  अरशद मदनी, मोहन भागवत के उस बयान का जवाब दे रहे थे जिसमें उन्होंने कहा था कि हिंदुओं और मुसलमानों के पूर्वज एक हैं।
मदनी ने मंच से कहा, "मैंने बड़े बड़े धर्मगुरुओं से पूछा कि जब कोई नहीं था, न श्री राम थे, न ब्रह्मा थे, न शिव थे, जब कोई नहीं था, तब सवाल पैदा होता है कि मनु पूजते किसे थे?"
उन्होंने कहा, "कोई कहता है कि शिव को पूजते थे, लेकिन उनके पास इल्म नहीं है. बहुत कम लोग ये बताते हैं कि जब कुछ नहीं था दुनिया में तो मनु ओम को पूजते थे।"
"तब मैंने पूछा कि ओम कौन है? बहुत से लोगों ने कहा कि ये हवा है, जिसका कोई रूप नहीं है, कोई रंग नहीं है. वो दुनिया में हर जगह है, हवा हर जगह है. उन्होंने आसमान बनाया, उन्होंने ज़मीन बनाई।"
मदनी ने कहा, "मैंने कहा कि अरे बाबा, इन्हीं को तो हम 'अल्लाह' कहते हैं. इन्हीं को तो तुम 'ईश्वर' कहते हो. फ़ारसी बोलने वाले 'ख़ुदा' कहते हैं. अंग्रेज़ी बोलने वाले 'गॉड' कहते हैं. इसका मतलब ये है कि मनु यानी आदम, ओम यानी अल्लाह को पूजते थे. ये हमारे मुल्क की ताक़त है।"
इसके जवाब में आचार्य लोकेश मुनि (जैन मुनि) ने कहा, "जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर हुए, उससे पहले 23वें भगवान पार्श्वनाथ थे, नेमिनाथ योगीराज कृष्ण के चचेरे भाई थे, किंतु याद रखिए इससे पहले भगवान ऋषभदेव पहले तीर्थंकर थे, जिनके पुत्र भरत के नाम पर इस भारत देश का नाम पड़ा है।" "आप ऐसे नहीं मिटा सकते, आपने जो बात कही है मैं उससे सहमत नहीं हूं और मेरे साथ सर्वधर्म के संत भी सहमत नहीं हैं. हम केवल सहमत हैं कि हम मिलजुलकर रहें, प्यार से रहें, मोहब्बत से रहें।"
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के सम्मेलन में मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि आरएसएस के चीफ मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) का बयान गलत है. अल्लाह और ओम एक ही हैं। मदनी ने कहा कि हम पहले इस देश में पैदा हुए और इसलिए हम घर लौट आएं और सभी मुसलमान भी हिंदू हैं, यह बयान अनपढ़ों जैसा है. जिस पर जैन गुरु लोकेश मुनि ने आपत्ति जताई, जिसके बाद जैन और कई अन्य धर्मगुरु मंच से उतरकर वापस चले गए।

समीर चौधरी।

Post a Comment

0 Comments

देश