उत्तराखंड के हल्द्वानी मामले पर पूरे देश की नजरें लगी थी कि सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में क्या फैसला आएगा. सोशल मीडिया से लेकर कई टीवी चैनलों पर लोग देख रहे थे कि अतिक्रमण की जद में आ रहे हल्द्वानी के लोग किस तरह से रो-रोकर परवरदिगार से दुआएं कर रहे थे प्रार्थनाएं कर रहे थे. इस मामले में राजनीतिक पार्टियों की भी एंट्री हो चुकी थी और कई राजनीतिक पार्टियों के नेताओं ने हल्द्वानी पहुंचकर वहां अपने आशियाने को बचाने की कोशिश में जुटे लोगों से मुलाकात भी की थी और उनको अपनी ओर से हरसंभव मदद का भरोसा भी दिलाया जा रहा था।
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी गुहार लगाई जा रही थी कि वह इस मामले में मानवीय पहलू पर गौर करते हुए कोई कदम उठाएं. सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने तक प्रार्थना और दुआओं का सिलसिला जारी था. रात भर लोगों ने अपना आशियाना बचाने के लिए रो-रोकर दुआएं मांगी।
जैसे ही सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला आया और नैनीताल हाईकोर्ट के फैसले पर देश की सबसे बड़ी अदालत ने रोक लगाते हुए पीड़ितों को अंतरिम राहत दी वैसे ही कई लोगों की आंखों में आंसू आ गए और उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दिल से आभार व्यक्त किया. सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद पीड़ित परिवारों ने राहत की सांस ली है।
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