कुल हिंद राब्ता-ए-मदारिस इस्लामिया दारुल उलूम की कार्यकारिणी का गठन, मोहतमिम ने दी मदरसा संचालकों को जरुरी नसीहतें।

देवबंद: कुल हिंद राब्ता-ए-मदारिस इस्लामिया दारुल उलूम देवबंद की शाखा जोन नंबर 3 (सहारनपुर, शामली) के एक कार्यक्रम का आयोजन स्टेट हाईवे पर स्थित दारुल उलूम जकारिया देवबंद में किया गया, जिसमें दोनों जनपदों के राब्ता-ए-मदारिस से जुड़े मदरसा संचालकों ने भाग लिया। इस दौरान सर्वसम्मति से जोन नंबर तीन की कार्यकारिणी का गठन और पदाधिकारियों का चयन किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता जोन अध्यक्ष और दारुल उलूम देवबंद की शूरा सदस्य मौलाना मोहम्मद आकिल कासमी ने की जबकि संचालन ऑल इंडिया मिल्ली काउंसिल के जिलाध्यक्ष मौलाना डॉक्टर अब्दुल मालिक मुगेसी ने किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में दारुल उलूम देवबंद के मोहतमिम मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी शामिल हुए।

इस दौरान मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी ने मदरसों के सुनहरे इतिहास पर प्रकाश डाला और कहा कि हमें हालात से घबराने या डरने की जरूरत नहीं है क्योंकि मदरसे संविधान में दी गई धार्मिक स्वतंत्रता के तहत धार्मिक और शैक्षणिक कार्य करते हैं। उन्होंने कहा कि मदरसों की देश की आजादी और इसके विकास में मुख्य भूमिका है। उन्होंने मदरसा संचालकों को मदरसों की शिक्षा व्यवस्था को और बेहतर बनाने की नसीहत देते हुए कहा कि मदरसों के अंदर साफ सफाई का खास ध्यान रखें और अपने हिसाब किताब में पारदर्शिता बरतें। उन्होंने यह भी कहा कि मदरसों में जरूरत के अनुसार आधुनिक शिक्षा का बंदोबस्त करें लेकिन मदरसों के निसाब में किसी तरह की कमी या छेड़छाड़ ना करें, मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी ने कहा कि मदरसों का सुनहरा इतिहास है जिन्होंने पूरी दुनिया को अमन शांति का पैगाम दिया है इसलिए मदरसा संचालकों की आज के हालात में जिम्मेदारी और बढ़ जाती है कि वह इस्लाम के अमन शांति के संदेश को सभी तक पहुंचाएं और शिक्षा देने के साथ-साथ समाज सुधार के कामों में भी आगे आएं।
अध्यक्ष मौलाना आकिल कासमी ने मदरसा संचालकों को राब्ता-ए-मदारिस इस्लामिया के नियमों की जानकारी दी और उनके अनुसार ही मदरसे चलाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि राब्ता-ए-मदारिस इस्लामिया ने मदरसों की शिक्षा प्रणाली और व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए कई मापदंड बनाए हैं जिन पर अमल करना सभी के लिए जरूरी है।

इस दौरान सर्वसम्मति से जोन नंबर तीन की 21 सदस्य कार्यकारिणी का गठन किया। वही जोन के महासचिव के रूप में दारुल उलूम जकरिया के मोहतमिम मौलाना मुफ्ती शरीफ खान कासमी को चुना गया, जबकि उपाध्यक्ष के रूप में मौलाना मुहम्मद हाशिम छतमलपुर, मौलाना अब्दुल रहीम रायपुरा और मौलाना वासिफ जलालाबाद चुने गए, मौलाना डॉ. अब्दुल मलिक मुजेसी व मौलाना अब्दुल्ला को सचिव रूप में चुना गया। मौलाना उमर कैराना को कोषाध्यक्ष चुने गए।
सहारनपुर जिलाध्यक्ष मौलाना जमशेद रीढ़ी व महासचिव मौलाना अतहर हक्कानी जबकि शामली जिलाध्यक्ष मौलाना इरफान व महासचिव मौलाना अब्दुल्ला चुने गए। सभी को सर्वसम्मति से चुना गया था।

अंत में दारुल उलूम जकरिया देवबंद के मोहतमिम मुफ्ती शरीफ खान कासमी ने महमानों का आभार जताया। कार्यक्रम कारी अतहर की तिलावत से शुरू हुआ और मौलाना अब्दुल रशीद मिर्जापुर की दुआ पर कार्यक्रम का समापन हुआ। कार्यक्रम में मौलाना मुहम्मद शौकत बस्तवी, मौलाना अबुल हसन अरशद, मौलाना मुहम्मद यामीन, मुफ्ती इमरान कासमी, मौलाना नसीर,मौलाना अरशद कांधला, मौलाना शमशीर कासमी सहित 300 से अधिक मदरसा संचालकों ने भाग लिया।

समीर चौधरी।

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