निकाय चुनाव में आरक्षण के मामले को लेकर ऐसे समय में पेंच फँस गया है कि जब संभावित प्रत्याशियों ने अपनी अपनी तैयारियां पूरे जोशो खरोश के साथ कर रखी हैं और काफी पैसा भी उनका खर्च हो चुका है इसके अलावा अधिकतर संभावित प्रत्याशियों ने अपना कार्यालय भी काफी समय पहले से ही खोल लिया था जहां पर समर्थकों /जनता का आना जाना लगा रहता है. अब वह इस संशय में है कि चुनाव क्या जल्दी ही होंगे या फिर चुनाव कुछ महीनों के लिए टाले जा सकते हैं? हालांकि कुछ संभावित प्रत्याशी यह मानकर चल रहे हैं कि जनवरी माह में निकाय चुनाव हो सकते हैं वहीं कुछ का मानना है कि अब निकाय चुनाव कई महीने बाद ही होंगे.
आरक्षण मामले पर हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण के लिए सरकार ने उत्तर प्रदेश राज्य स्थानीय निकाय समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन कर दिया है। आयोग का गठन करने के बाद अब सरकार ने एसएलपी दायर की है। एसएलपी में सरकार ने उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगाने, आयोग की रिपोर्ट आने के बाद ही चुनाव कराने की मंजूरी देने का आग्रह किया है। सबकी निगाहें अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर लगी हुई हैं.
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