देवबंद पहुंचने पर उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी के चेयरमैन का हुआ स्वागत, बोले उर्दू के प्रचार प्रसार में भरपूर सहयोग कर रही है योगी सरकार, IAS स्टडी सेंटर की सीटों में की गई वृद्धि।

देवबंद: उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी के चेयरमैन हाजी चौधरी कैफुल वरा के देवबन्द आगमन पर मोहल्ला शाहरमजुद्दीन में स्थित डॉक्टर ए. पी.जे.अब्दुल कलाम फाउंडेशन द्वारा  स्वागत समारोह का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता मौलाना अब्दुल लतीफ क़ासमी और संचालन सय्यद वजाहत शाह ने किया।
इस अवसर पर अकेडमी के चेयरमैन चौधरी कैफुल वरा ने कहा कि "सरकार उर्दू के प्रचार-प्रसार के लिए भरपूर प्रयास कर रही है। हमारा भी एक मात्र उद्देश्य उर्दू की हिफाज़त करना है ताकि यहीं पर जन्मी इस भाषा का सम्मान और गरिमा बरक़रार रहे।
उन्होंने कहा कि इस वर्ष IAS की निःशुल्क तैयारी पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इस वर्ष लड़के-लड़कों की संख्या में इ
वर्द्धि किया गया है। गत वर्षों की भांति लड़कों की संख्या 72 से 90 और लड़कियों की संख्या 8 से बढ़ाकर 16 कर दी गई है। साथ ही अकेडमी के डायरेक्टर और स्टाफ को भी बदला गया है। जिसकी वजह से अब सभी बेहतर प्रशिक्षण (ट्रेनिंग) हासिल कर रहे हैं। यह पूर्ण व्यवस्था  निःशुल्क है। इसके अतिरिक्त प्रदेश के शायरों, लेखकों, बीमार और विकलांग साहित्यिकारों के लिए विशेष योजनाएं हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के उर्दू प्रेमी अपने दायरे को बढ़ाते हुए अकेडमी से संपर्क साधें और लाभ लें। सरकार, अकेडमी और हमारा भी यही मक़सद है।
कार्येक्रम का आगाज़ तिलावत ए क़ुरआन और नाते पाक से हुआ। शायर तनवीर अजमल और चांद देवबन्दी ने अपना कलाम पेश किया।
मौलाना फ़ुजैल अहमद नासरी उस्ताज़ जामिया इमाम मोहम्मद अनवर शाह ने उर्दू और उल्माय देवबन्द की उर्दू सेवाओं पर विस्तार से रोशनी डालते हुए कहा कि इस देश मे आरंभ से ही उर्दू के प्रचार-प्रसार में मदरसों की भूमिका अग्रणी रही है और आज भी देश मे उर्दू को ज़िंदा रखने में मदरसों की भूमिका प्रथम पायदान पर है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे मौलाना अब्दुल लतीफ क़ासमी ने कहा कि वर्तमान शायरों, लेखकों को चाहिए कि वो अपना उच्चारण, लेखन पर ख़ास तवज्जोह दें। उर्दू की बागडोर अब उन्ही के हाथ है।
इस अवसर पर डॉक्टर ए. पी.जे.अब्दुल कलाम फाउंडेशन के दो नए विभाग तंज़ील उल क़ुरआन और डॉक्टर अब्दुल कलाम स्किल डेवलपमेन्ट इंस्टिट्यूट का उद्घाटन चेयरमैन के करकमलों से हुआ।
कार्यक्रम सयोंजक और फाउंडेशन के अध्यक्ष मौलाना अब्दुल्ला इब्ने क़मर गोरखपुरी ने विस्तार से फाउंडेशन के उद्देश्यों पर रोशनी डाली और सभी का आभार जताया।

इस अवसर पर मौलाना सिकन्दर, इस्लामिया डिग्री कॉलेज के उर्दू प्रोफेसर मोहम्मद शारिक, क़ारी आमिर उस्मानी, मोइन सिद्दीक़ी, सय्यद मोहम्मद नजम, डॉक्टर अब्दुल अजीज, शाह फैसल मसूदी, ख़ुर्शीद अहमद सिद्दीक़ी, नजम उस्मानी, डॉक्टर उस्मान रमज़ी, नबील मसूदी, मोहम्मद फ़ारूक़ आदि उपस्थित रहे।

समीर चौधरी/रियाज़ अहमद।
महताब आज़ाद।

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