दलित-मुस्लिम गठजोड़ का फॉर्मूला लेकर उलेमा के बीच पहुंचे इमरान मसूद, मदरसों को लेकर मायावती के टवीट् का उलमा ने किया स्वागत।

दलित-मुस्लिम गठजोड़ का फॉर्मूला लेकर उलेमा के बीच पहुंचे इमरान मसूद, मदरसों को लेकर मायावती के टवीट् का उलमा ने किया स्वागत।
देवबंद: हाल ही में बसपा में शामिल हुए पूर्व विधायक इमरान मसूद मंगलवार की रात्रि बसपा सुप्रीमो मायावती का दलित मुस्लिम गठजोड़ का संदेश लेकर उलमा के बीच पहुंचे। उन्होंने दलित मुस्लिम गठजोड़ का समीकरण समझाया तो प्रोग्राम में मौजूद उलेमा ने भी इमरान मसूद के फैसले को समय की जरूरत बताया। इस दौरान उलमा ने हाल ही में मदरसों को लेकर किए गए मायावती के टवीट् का भी स्वागत किया। 
मंगलवार की रात्रि ईदगाह रोड स्थित मस्जिद रशीद के निकट फैजान मंजिल में आयोजित कार्यक्रम में बसपा के पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रभारी इमरान मसूद ने इशारों इशारों में मुसलमानों को भाजपा का भय दिखाते हुए समीकरण समझाया। कहा कि पिछले आठ सालों में मुसलमान दूसरों दलों के साथ जुड़ा भी और उसका बिखराव भी हुआ और वह जिसे हराना चाहते हैं वह हारता नहीं है और जिसे जितना चाहते हैं वह जीतता नहीं है, कहा कि भले ही प्रदेश में चार करोड़ मुस्लिम मतदाता हो लेकिन वह अपने बल पर किसी को तब तक नहीं जीता सकते जब तक किसी बडे़ वोट बैंक के साथ उनका जुड़ाव न हो। 
मसूद ने कहा कि दलित मुस्लिम एकजुट होकर वोट की चोट करेंगे तो ही वर्ष 2024 में भाजपा को दिल्ली की गद्दी पर बैठने से रोका जा सकेगा। उन्होंने कहा कि जिस तरह सभी वर्गों के लोगों की तेजी के साथ बसपा से जुड़ रहे हैं उससे अगली बार बसपा सुप्रीमो का प्रदेश का मुख्यमंत्री बनना तय है। उन्होंने बसपा सुप्रीमो मायावती द्वारा अपनी सरकार में मुस्लिम और मदरसों के लिए किए गए कार्यों को भी सामने रखा।
इमरान मसूद ने अखिलेश यादव पर कटाक्ष किया कि उन्हें (अखिलेश यादव) मुस्लिम वोट तो चाहिए लेकिन आजम खां हों या फिर विधायक नाहिद हसन उनके पास इतना वक्त ही नहीं है कि वह उनके हक में आवाज बुलंद कर सकें। 

संचालन कर रहे वरिष्ठ समाजसेवी साद सिद्दीकी ने कहा कि लोकसभा में मुस्लिम सांसदों की संख्या लगातार कम हुई। इसलिए वक्त आ गया है कि सूझबुझ से काम लिया जाए और एजेंडे पर चलकर उसे कामयाब बनाया जाए। इस दौरान उलमा ने भी सर्वसमाज को जोड़ने पर बल दिया और इमरान मसूद के फैसले को समय की जरूरत। कार्यक्रम की अध्यक्षता मौलाना सालिम अशरफ कासमी व संचालन साद सिद्दीकी ने किया। इस मौके पर सैयद अकील हुसैन, मौलाना इमरान, मुफ्ती अहमद गौड, मौलाना दिलशाद कासमी, सरफराज राइन, हाजी रियाज महमूद, सलीम उस्मानी, अहमद सिद्दीकी, डॉक्टर सलीम उर रहमान, परवेज गौड सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे। 

समीर चौधरी।

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