मोदी और योगी सरकारों की गलत नीतियों के कारण आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं किसान, किसानों-मजदूरों के हकों के लिए देवबंद में होगी बड़ी रैली: भगत सिंह वर्मा।
देवबंद: क्षेत्र के ग्राम सापला खत्री गांव में आयोजित किसानों की एक बैठक को संबोधित करते हुए पश्चिम प्रदेश मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष और भारतीय किसान यूनियन वर्मा के संयोजक भगत सिंह वर्मा ने कहा कि आज सरकारों की गलत नीति के कारण देश के एक सौ 35 करोड लोग आर्थिक रूप से गुलाम हैं, देश की 90% संपत्ति देश के मात्र 1% लोगों के पास है। देश में भारी असमानता है। अमीर और अमीर होता जा रहा है गरीब और गरीब होता जा रहा है जिसके लिए केंद्र और प्रदेशों की सरकारें सीधे जिम्मेदार हैं।
भगत सिंह वर्मा ने कहा कि देश के अन्नदाता किसानों की उन्नति से ही देश की उन्नति संभव है। भाजपा की योगी और केंद्र की मोदी सरकार की गलत नीति के कारण किसानों की उनकी फसल का लाभकारी मूल्य तो दूर लागत मूल्य भी नहीं मिल रहा है। भगत सिंह वर्मा ने कहा कि उत्तर प्रदेश देश में सबसे अधिक गन्ना उत्पादन करने वाला राज्य है जबकि यहां के गन्ना किसानों को चीनी मिलों से पिछले वर्ष का भी गन्ना भुगतान नहीं हुआ है और पिछले वर्षों में देरी से किए गए गन्ना भुगतान पर लगा ब्याज उत्तर प्रदेश की 120 चीनी मिलों पर 12 हज़ार करोड रुपए बकाया है जिसे प्रदेश की योगी सरकार नहीं दिला रही है।
भगत सिंह वर्मा ने कहा कि उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों को आसानी से गन्ने का लाभकारी रेट ₹600 कुंटल दिया जा सकता है जिसमें प्रदेश सरकार सीधे जिम्मेदार है। भगत सिंह वर्मा ने किसानों मजदूरों युवाओं व छात्रों से बिजली विभाग की मनमानी को रोकने, गन्ने का लाभकारी रेट ₹600 कुंटल कराने, टोल टैक्स समाप्त कराने, मनरेगा योजना को खेती से जोड़ने, अग्नीपथ योजना को रद्द कराने आदि समस्याओं को लेकर आगमी 29 अक्टूबर को एसडीएम कार्यालय देवबंद पहुंचने का आह्वान किया।
यूनियन के प्रदेश सचिव मोहम्मद वसीम ने कहा कि 29 अक्टूबर को किसान और मजदूरों के हकों के लिए देवबंद में बड़ी रैली होगी। रेली संयोजक मास्टर रईस अहमद ने ने भी एकजुट होकर भारी संख्या में रैली में पहुंचने की अपील। बैठक में जिला मंत्री मोहम्मद राशिद, मोहम्मद शमीम, प्रधान वसीम, पूर्व प्रधान मोहम्मद आबिद, प्रधान मो सलीम, मोहम्मद शहीद, जाबिर प्रधान, जावेद, अल्ताफ, मोहम्मद नफीस, जाहिद हसन आदि ने भाग लिया।
समीर चौधरी/महताब आज़ाद।
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