जीशान हैदर की मौत के मामले में पुलिस जांच से संतुष्ट नहीं है अल्पसंख्यक आयोग, डीआईजी स्तर के अधिकारी से जांच कराने की संस्तुति।

जीशान हैदर की मौत के मामले में पुलिस जांच से संतुष्ट नहीं है अल्पसंख्यक आयोग, डीआईजी स्तर के अधिकारी से जांच कराने की संस्तुति।
देवबंद: कोतवाली के  गांव थीतकी में छापेमारी के दौरान गोली लगने से हुई शिया समुदाय के जीशान हैदर की मौत के मामले में पुलिस के लिए परेशानी लगातार बढ़ रही है। उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग ने अब तक की पुलिस जांच पर असहमति जताते हुए पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच की संस्तुति की है।

कोतवाली क्षेत्र के गांव थीतकी में 4 सितंबर 2021 को गोकशी की सूचना पर पुलिस द्वारा की गई छापेमारी के दौरान गोली लगने से गांव के ही जीशान हैदर मौत हो गई थी। पुलिस ने जीशान को गोकश बताते हुए भागने के प्रयास के दौरान उसकी अपनी ही गोली पेर में लगने की बात कही थी। लेकिन पुलिस की यह कहानी किसी के भी गले नहीं उतरी थी। बाद में मृतक जीशान की पत्नी अफरोज़ ने तीन उपनिरीक्षकों सहित 13 पुलिसकर्मियों पर उसके पति को घर से बुलाकर हत्या करने का आरोप लगाया था। साथ ही उच्चाधिकारियों सहित केंद्र और प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी।
यूपी अल्पसंख्यक आयोग ने इस मामले में बेहद गम्भीरता से संज्ञान लेते हुए इसकी जांच कराई थी, जिसमें संबंधित अधिकारियों और पुलिसकर्मियों को कई बार तलब भी किया जा चुका है। दो दिन पूर्व आयोग के सचिव शकील अहमद सिद्दीकी की ओर से मृतक जीशान की पत्नी अफरोज को एक पत्र और प्राप्त हुआ है। जिसमें आयोग ने पुलिस की अभी तक की जांच आख्या पर असहमति जताई है साथ ही कहा है कि यह मामला प्राण एवं दैहिक स्वतंत्रता के हनन से जुड़ा है, जो गंभीर विषय है। इसलिए आयोग ने प्रकरण की जांच डीआईजी स्तर के अधिकारी से कराए जाने की संस्तुति की है। साथ ही जांच अधिकारी को आगामी एक नवंबर को जांच आख्या के साथ आयोग के समक्ष पेश होने को निर्देश दिए हैं।

समीर चौधरी।

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