पाकिस्तान में रहना मंजूर नही था इसलिए विस्थापित हुए हमारे बुजुर्गः डा.चुघ, गुरू हरकिशन सेवा चैरिटेबल ट्रस्ट ने विस्थपित बुजुर्गों को विरासत-ए-आजादी सम्मान देकर किया सम्मानित।

पाकिस्तान में रहना मंजूर नही था इसलिए विस्थापित हुए हमारे बुजुर्गः डा.चुघ, गुरू हरकिशन सेवा चैरिटेबल ट्रस्ट ने विस्थपित बुजुर्गों को विरासत-ए-आजादी सम्मान देकर किया सम्मानित।
देवबंद: गुरू हरकिशन सेवा चैरिटेबल ट्रस्ट रजि. के तत्वावधान मंे विभाजन विभिषिका स्मृति दिवस पर कार्यक्रम आयोजित कर 1947 के बंटवारे के समय वर्तमान पाकिस्तान (तत्कालीन पंजाब) से आए पंजाबी समाज के 35 बुजुर्गों को विरासत-ए-आजादी सम्मान देते हुए अभिनंदन पत्र व शाल ओढाकर सम्मानित किया गया।
गुरूद्वारा श्री गुरूनानक सभा में आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथी लोक निर्माण विभाग के राज्यमंत्री कुंवर बृजेश सिंह ने कहा कि विस्थापन के दौरान पंजाबी समाज के बुजुर्गों को नमन है जिन्होंने विभाजन के दौरान मौत को स्वीकार किया लेकिन धर्म परिवर्तन नही किया। उन्होंने कहा कि दिवंगतों की याद में यह कार्यक्रम पूर्व की सराकारे भी कर सकती थी लेकिन उन्होंने ऐसा नही किया। प्रधानमंत्री जी ने यह प्रयास कर विभाजन के दौरान मारे गए लाखों लोगों को सच्ची श्रद्धांजलि देने का काम किया है।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से पधारे उत्तर भारत के ऐतिहासिक गुरूद्वारा नानकमत्ता साहिब कमेटी के अध्यक्ष व उत्तराखंड सरकार में सचिव रहे पूर्व आई.ए.एस.अधिकारी डा. हरबंस सिंह चुघ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विभाजन के दौरान मारे गए लोगों को याद कर श्रद्धांजलि देने का यह प्रयास सराहनीय है। उन्होंने कहा लोग कहते ही हमारे बुजुर्ग पाकिस्तान से आए थे लेकिन उस समय हिंदुस्तान के पंजाब को बांटकर उसे पाकिस्तान बना दिया गया था। हमे पाकिस्तान में नही रहना था इसलिए हिंदुस्तान आए थे। उन्होंने सन् 1992 में एस.डी.एम. देवबंद के रूप में बीते अपने कार्यकाल की चर्चा करते हुए सहयोग व सम्मान के लिए नगर की जनता का आभार जताया।
सहारनपुर नगर के विधायक राजीव गुंबर ने कहा कि देश की आजादी के बाद हुए विभाजन से सबसे अधिक प्रभावित पंजाबी समाज हुआ है लेकिन हमारे बुजुर्गों ने अपने संघर्ष व हौंसले की बदौलत अपना मुकाम बनाया और अपने परिवारों को समाज में सर उठा के जीने योग्य बनाया। हम हमेशा अपने बुजुर्गों के ऋणी रहेंगे। बंटवारे के समय विस्थापित होकर आए राष्ट्रपति पदक से सम्मानित पूर्व प्रधानाचार्य धर्मपाल महाजन बंटवारे के समय हुई आपबीती सुनाई की किस तरह उनके परिवार को 5 लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया था। कार्यक्रम को भाजपा जिलाध्यक्ष डा. महेंद्र सिंह सैनी, उत्तर प्रदेश पंजाबी अकादमी के सदस्य सुखदर्शन सिंह बेदी, एस.डी.एम. देवबंद दीपक कुमार, सी.ओ. रामकरन सिंह, तहसीलदार तपन मिश्रा, कोतवाली प्रभारी प्रभाकर कैंतुरा, वरिष्ठ चिकित्सक डा. रवि प्रकाश खोराना, भाजपा नगराध्यक्ष विपिन गर्ग, रेलवे रोड़ चैकी प्रभारी विपिन त्यागी ने भी सम्बोधित किया।
ज्ञानी गुरदयाल सिंह ने दिवंगतों की आत्मिक शांति के लिए अरदास की। ट्रस्ट की ओर से अतिथियों को अभिनंदन पत्र व शाॅल देकर सम्मानित किया गया। ट्रस्ट के अध्यक्ष सेठ कुलदीप कुमार छाबड़ा ने सभी का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन ट्रस्ट के महामंत्री गुरजोत सिंह सेठी ने किया। इस दौरान सेठ कुलदीप कुमार, गुरजोत सिंह सेठी, बालेंद्र सिंह, बलदीप सिंह, श्याम लाल भारती, सतीश गिरधर, हरविंदर सिंह बेदी, सचिन छाबड़ा, अरूण गुप्ता,राजेश अनेजा, विकास त्यागी, अभिषेक त्यागी, हर्ष भारती, अजय निझारा, अमनदीप सिंह आदि मौजूद थे।  
देवबंद फोटो 01ः बुजुर्गों को सम्मानित करते अतिथिगण।
देवबंद फोटो 02ः राज्यमंत्री कुंवर बृजेश सिंह का अभिनंदन करते ट्रस्ट पदाधिकारी व अन्य
देवबंद फोटो 03ः डा.हरबंस सिंह चुघ का अभिनंदन करते राज्यमंत्री व अन्य।

समीर चौधरी/रियाज़ अहमद।

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