सिविल बार एसोसिएशन देवबंद से जुड़े अधिवक्ताओं ने राजस्थान की अमानवीय घटना को लेकर राष्ट्रपति को भेजा ज्ञापन, आरोपी शिक्षक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग।

सिविल बार एसोसिएशन देवबंद से जुड़े अधिवक्ताओं ने राजस्थान की अमानवीय घटना को लेकर राष्ट्रपति को भेजा ज्ञापन, आरोपी शिक्षक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग।
देवबंद: राजस्थान में आठ वर्षीय दलित छात्र की पानी पीने को लेकर अध्यापक द्वारा की गई पीट-पीटकर हत्या से आक्रोशित सिविल बार एसोसिएशन देवबंद से जुड़े अधिवक्ताओं ने इसे अमानवीय और शर्मनाक घटना बताते हुए राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजकर आरोपी शिक्षक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
शनिवार को एसडीएम दीपक कुमार द्वारा अधिवक्ताओं ने राष्ट्रपति को भेजे गए ज्ञापन में कहा कि राजस्थान प्रदेश के अध्यापक द्वारा एक दलित छात्र इन्द्र मेघवाल पुत्र देशराज मेघवाल को सिर्फ इसलिये पीटा गया कि वह दलित समाज का छात्र था और उस छात्र ने घडे में रखा पानी पी लिया। जिस कारण उच्च जाति के अध्यापक द्वारा कक्षा 3 के मासूम छात्र इन्द्र मेघवाल को इतना पीटा की उसकी मृत्यु हो गयी, इस दर्दनाक एवं अमानवीय कृत्य को सुनकर हमें बहुत पीडा है जो भारत की एकता एवं अखण्डता के लिए घातक है।
ज्ञापन में कहा गया है कि आज सभ्य समाज का हर वर्ग एवं शिक्षित नौजवान सोशल मीडिया एवं अन्य माध्यमों से इस कृत्य की निन्दा कर रहे हैं ऐसे कृत्यों से समाज में भय व खाई पैदा होती है।
वहीं दूसरी ओर उक्त शिक्षक द्वारा दलित विरोधी मानसिकता रखने से ऐसे कृत्य कारित किये जा रहे हैं जो हमारे व सभ्य समाज के लिए शर्म का विषय है। "जिस देश की आजादी के लिए बाबा साहब डा० भीमराव अम्बेडकर जी ने अनेको बलिदान दिये आज उसी देश में दलितों, शोषितों, वंचितों, मुस्लिमों, आदिवासियों एवं अल्पसंख्यकों के साथ ऐसा अमानवीय कृत्य कारित हो रहा हो अल्पसंख्यकों के साथ 
ऐसा अमानवीय कृत्य कारित हो रहा हो और कुछ उपरोक्त अध्यापक की मानसिकता के व्यक्ति जो समाज को रंग भेद नस्ल जाति एवं छुआछूत आदि के नाम पर बांटनें का कार्य करते हो जो मुस्लिमों को मायलिचिंग के नाम पर दलितों व आदिवासियों को छुआछूत के नाम पर बांटने व समाज में भय पैदा करने का काम करते हैं।
जापान में कहा गया है कि अधिवक्ता एंव सर्व समाज के अमन पसन्द लोगों को ऐसा लग रहा है कि जो सोच संविधान के निर्माता भारत रत्न बाबा साहब डा० भीमराव अम्बेडकर जी व राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी व भारत रत्न डा० ए०पी०जे० अब्दुल कलाम व शहीद सरदार भगत सिंह आदि महापुरूषों की थी। आज उस सोच को उक्त अध्यापक जैसी मानसिकता रखने वाले लोगों के द्वारा खत्म किया जा रहा है इसलिये उपरोक्त वर्णित घौर अमानवीय घटना की पुनरावृत्ति भविष्य में भारत के किसी भी हिस्से में न हो इसलिए उक्त वर्णित घटना की जांच कराकर उक्त अध्यापक को कड़ी से कडी सजा दी जानी जरूरी हैं
महोदया से सादर अनुरोध है कि उपरोक्त वर्णित घटना पर संज्ञान लेकर उक्त अध्यापक को ऐसे अमानवीय कृत्य करने के लिए कठोर कानूनी सजा दिलाई जाए व साथ ही भारत सरकार व राजस्थान राज्य सरकार से पीडित दलित परिवार को करीब 1 करोड़ रूपये की आर्थिक सहायता दिलाई जाये एवं पीडित परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने के साथ पीडित परिवार के बच्चों की शिक्षा स्वास्थ्य एवं सुरक्षा की उचित व्यवस्था राज्य सरकार द्वारा कराई जाए।
ज्ञापन देने वालों में नसीम अंसारी एडवोकेट, शमशाद मलिक एडवोकेट, अजय कुमार एडवोकेट, राशिद हुसैन एडवोकेट, आदित्य एडवोकेट, सुरेश कॉल, रामकिशन सैनी, विनय एडवोकेट, चौधरी शोएब आदि शामिल रहे।

समीर चौधरी/रियाज़ अहमद।

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