प्रमुख इस्लामिक विद्वान और जमात-ए-इस्लामी हिंद के पूर्व अमीर मौलाना सैयद जलालुद्दीन उमरी का निधन, इस्लामिक जगत में दौड़ी शोक की लहर।

प्रमुख इस्लामिक विद्वान और जमात-ए-इस्लामी हिंद के पूर्व अमीर मौलाना सैयद जलालुद्दीन उमरी का निधन, इस्लामिक जगत में दौड़ी शोक की लहर।
नई दिल्ली: जमात-ए-इस्लामी हिंद के पूर्व अमीर और प्रमुख इस्लामी विद्वान मौलाना सैयद जलालुद्दीन उमरी का लंबी बीमारी के बाद दिल्ली के जामिया नगर के अल-शिफा अस्पताल में निधन हो गया, वह 87 वर्ष के थे। शनिवार को सुबह फज्र की नमाज के बाद उन की नमाजे जनाजा अदा की जाएगी और उन्हें दिल में सुपूर्द ए खाक किया जाएगा।
मौलाना उमरी कई दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहे और डॉक्टरों की विशेष टीम की देखरेख में उन्हें आईसीयू में रखा गया था। जहां शुक्रवार की रात उन्होंने आखिरी सांस ली।

मौलाना जलालुद्दीन उमरी का जन्म 1935 में दक्षिण भारत के तमिलनाडु के उत्तरी आरकोट जिले के एक गाँव पट्टाग्राम में हुआ था। वह 50 से अधिक पुस्तकों के लेखक और एक बेहतरीन व बेबाक वक्ता थे। मौलाना जलालुद्दीन उमरी के निधन पर देश के प्रख्यात विद्वानों और सामाजिक एवं राजनीतिक हस्तियों ने गहरा दुख व्यक्त किया और उनके निधन को बड़ी क्षति बताया। 
ऑल इंडिया मिल्ली काउंसिल के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अब्दुल्लाह मुगेसी और मिल्ली काउंसिल के जिला अध्यक्ष मौलाना डॉक्टर अब्दुल मालिक मुगेसी ने मौलाना उमरी के निधन पर गहरा रोष प्रकट करते हुए उनके निधन को देश और इस्लामिक जगत के लिए बड़ा नुकसान बताया है।

समीर चौधरी।

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