जमीयत प्रमुख ने बोले "देश के मौजूदा हालात पर चुप नहीं रह सकते" 28 अगस्त को एक साथ देश भर में सौ से अधिक स्थानों पर किया जाएगा सद्भावना संसद का आयोजन।

जमीयत प्रमुख ने बोले "देश के मौजूदा हालात पर चुप नहीं रह सकते" 28 अगस्त को एक साथ देश भर में सौ से अधिक स्थानों पर किया जाएगा सद्भावना संसद का आयोजन।
नई दिल्ली: जमीयत सद्भावना मंच के तत्वावधान में देश के विभिन्न राज्यों में सौ से अधिक स्थानों पर एक साथ सद्भावना संसद का आयोजन होने जा रहा है। यह देश की वर्तमान स्थिति के संदर्भ में बहुत महत्वपूर्ण है जिसका स्पष्ट संदेश देश के सभी वर्गों को जोड़ना है। जमीयत सद्भावना मंच के तत्वाधान में 28 अगस्त को देश में सौ से अधिक स्थानों पर सद्भावना संसद का आयोजन किया जाएगा।
ज्ञात रहे कि जमीयत उलेमा-ए-हिन्द की प्रबंधन समिति की गत 28-29 मई, 2022 को देवबंद में आयोजित सभा में धार्मिक घृणा और साम्प्रदायिकता को समाप्त करने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव “सद्भावना मंच“ के नाम से पारित किया गया था जिसमें देश में एक हजार सद्भावना संसदों को आयोजित करने का निर्णय लिया गया थ। उस अवसर पर जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा था कि नफरत का जवाब नफरत से नहीं बल्कि प्यार से दिया जा सकता है। इस सम्बंध में जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने पिछले कुछ महीनों में देश के कई महत्वपूर्ण लोगों से मुलाकात की है और उसके बाद इस तरह के कार्यक्रमों को अंतिम रूप दिया।
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के सचिव मौलाना नियाज अहमद फारूकी ने बताया कि वर्तमान परिस्थितियां किसी से छिपी नहीं हैं। ऐसे में देश से प्यार करने वाले वफादार नागरिक और संगठन विशेषकर जमीयत उलेमा-ए-हिंद जैसे संगठन चुप नहीं रह सकतीं और नफरत एवं साम्प्रदायिकता फैलाने वाली इन शक्तियों के खिलाफ शांति एवं एकता, आपसी भाईचारा और धार्मिक सद्भाव का वातावरण पैदा करने के लिए मिलजुल कर प्रयास करना अपना कर्तव्य समझती हैं। जमीयत उलेमा-ए-हिंद पिछली एक शताब्दी से मानवता, देशभक्ति, संयुक्त राष्ट्रवाद और अहिंसा की नीति का पालन करती रही है। जमीयत उलेमा-ए-हिंद के मार्गदर्शकों और कार्यकर्ताओं ने न तो आजादी से पहले और न ही आजादी के बाद कभी भी सांप्रदायिकता, संकीर्णता और कट्टरवाद से समझौता किया।
जमीयत सद्भावना मंच के संयोजक मौलाना जावेद सिद्दीकी कासमी ने कार्यक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि सद्भावना संसद में सभी धर्मों के महत्वपूर्ण नेता भाग ले रहे हैं। यह कार्यक्रम आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, असम, मध्य प्रदेश, बिहार, केरल, तमिलनाडु, हरियाणा, मेवात और पंजाब, मेघालय, मणिपुर, त्रिपुरा, झारखंड, गोवा आदि में आयोजित होने जा रहा है। तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में जमीयत उलेमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन कासमी भाग लेंगे।

समीर चौधरी।

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