जहान-ए-अदब की ओर से महफिल-ए-मुशायरा व कवि सम्मेलन का आयोजन, शायरों ने अपने कलाम से बांधा समां।

जहान-ए-अदब की ओर से महफिल-ए-मुशायरा व कवि सम्मेलन का आयोजन, शायरों ने अपने कलाम से बांधा समां।
देवबंद: मोहल्ला बेरुन कोटला उर्दू घर में ईद उल अजहा के मौके पर समाजिक व साहित्यिक संस्था जहान ए अदब एकेडमी की जानिब से एक शानदार महफ़िल ए मुशायरा व कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता दीवान शाह कमरुज्जमा साबरी ने की और संचालन जहान ए अदब एकेडमी के चेयरमेन शायर तनवीर अजमल ने किया। महफिल में शायरों ने अपना शानदार कलाम पेेेश कर के समा बांधा। 
महफिल में पढ़े गए चंद शेर पेश हैं।

1.. अगर नहीं थी मोहब्बत बता दिया होता
कभी का हमने भी तुमको भुला दिया होता 
शायर तनवीर अजमल
2.. तू अभी वाकिफ नहीं है इश्क के अंजाम से
एक दिन जाता रहेगा चेन से आराम से..
शमीम किरतपुरी
3.. ज़िंदगी अब सजा ना हो जाए 
दिल किसी पर फिदा ना हो जाए.. 
दिलशाद कुशतर
4..कुछ इस तरह से मुकद्दर लिखा गया अपना
में दूर जा ना सका वो करीब आ ना सके..
अदनान अनवर
5..उनके होंटो पे नफ़रत के शरारे तो क्या
हम तो शोलो को भी गुलजार बना देते हैं..
सूफी कमरुज्जमा कमर
6..खुदा से रात दिन मांगा है उसको 
ये ही बस इक इबादत की हे मेने..
आज़म साबरी
इस के अलावा रज़ी उस्मानी, सुहेल अकमल और सरवर उस्मानी ने भी अपने खूबसूरत कलाम से नवाजा।

प्रोग्राम में नदीम एडवोकेट, मसरूर ठेकेदार, नफीस खान, गाज़ी वाजदी, सय्यद आसिफ़ हम्ज़ा, सय्यद अली साबरी, सय्यद अफजाल साबरी, सलीम अंसारी, नसीम अंसारी गोला, लियाकत अंसारी, बाटू सेफी, मुदस्सिर खान, आदि मौजूद रहे।
अंत में तनवीर अजमल ने सभी लोगो का शुक्रिया अदा किया।

समीर चौधरी/ महताब आज़ाद।

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