भाजपा नेता ने जीएसटी की बढ़ी दरों पर लगाया प्रश्न चिन्ह, बताया व्यापारियों के साथ विश्वासघात और गरीबों के साथ अन्याय।

भाजपा नेता ने जीएसटी की बढ़ी दरों पर लगाया प्रश्न चिन्ह, बताया व्यापारियों के साथ विश्वासघात और गरीबों के साथ अन्याय। 
देवबंद: भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश उपाध्यक्ष दीपक राज सिंघल ने कहा की जीएसटी की बढ़ी दरें व्यापारियों के साथ विश्वासघात एवं गरीब के साथ अन्याय हैं। सिंघल ने कहा की आज से बढी दरें लागू हो रही है। जीएसटी काउंसिल की संतालीस वी बैठक में जो निर्णय लिए गए वह जीएसटी लागू होते समय किए गए वायदों के विरुद्ध है आटा गुड दालें वगैरह रोज के काम आने वाले खाद्य पदार्थों पर जीएसटी नहीं लगेगा यह सरकार का वादा था जीएसटी राजस्व अत्यधिक प्राप्त होने पर जीएसटी की दरें कम की जाएंगी यह कहा गया था परंतु धीरे धीरे सभी बातें भुला दी गई है। केंद्र और प्रदेश की सरकारें व्यापारियों की कही जाती है परंतु इस समय व्यापारी ही सबसे ज्यादा परेशान है। जीएसटी काउंसिल की संतालीस बैठकों में एक भी निर्णय व्यापारी हित का नहीं हुआ है जीएसटी की जटिल धाराएं जो की तो है हर बैठक में राजस्व बढ़ता है एवं जिन वस्तुओं पर टैक्स नहीं है उन पर टैक्स लग जाता है जिन पर कम है उन पर बढ़ जाता है। सिंघल ने कहा कि श्री कृष्ण के देश में दूध दही आटा चावल दाल गुड जैसी बहुत अधिक जरूरी चीजों पर भी 5% टैक्स लगा दिया गया है जबकि नहीं लगेगा ऐसी बात शुरुआत में कही गई थी। सिंघल ने कहा की 25 किलो से ऊपर के पैकिंग पर जीएसटी नहीं है परंतु गरीब आदमी 5 किलो खरीदता है 1 किलो खरीदता है एक पाव खरीदना है हम समझ सकते हैं के इसका नुकसान किसे उठाना पड़ेगा एवं महंगाई बढ़ाने में यह कितना कारगर होगा। सिंघल ने कहा की 14 तारीख को पूरे भारत में व्यापार मंडल ने प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री को ज्ञापन भेजे थे 16 तारीख को खाद्य संबंधी सभी मंडियां एवं दुकानें बंद थी परंतु सरकार के कानों पर जू तक नहीं रेंगती। सिंघल ने कहा की शायद बहुत अधिक समर्थन देने का खामियाजा व्यापारी को भुगतना पड़ रहा है। सिंघल ने सरकार से मांग की की अति शीघ्र खाद्य पदार्थों पर लगने वाले टैक्स को समाप्त करें।
समीर चौधरी/ महताब आज़ाद।

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