अब्दुल्ला उस्मानी के इंतकाल पर नगर के बुद्धिजीवी, शायरों और लेखकों ने जताया शौक।

अब्दुल्ला उस्मानी के इंतकाल पर नगर के बुद्धिजीवी, शायरों और लेखकों ने जताया शौक।
देवबंद:  मशहूर उर्दू लेखक और अध्यापक अब्दुल्लाह उस्मानी के इन्तकाल की खबर से देवबंद के अदबी हल्के में गम की लहर दौड़ गई। जहान ए अदब एकेडमी के चैयरमेन शायर तनवीर अजमल ने अपने गम का इज़हार करते हुए कहा की अब्दुल्लाह उस्मानी देवबंद के उन चुनिंदा लोगों में थे जिनका अदब में अलग मकाम था। अब्दुल्लाह उस्मानी शानदार लेखक के साथ साथ एक नेक दिल इंसान भी थे।
तनवीर अजमल ने कहा कि जहान ए अदब एकेडमी की जानिब से अब्दुल्लाह उस्मानी को उनकी अदबी खिदामात पर विशेष सम्मान से सम्मानित किया गया था। दुआ है अल्लाह उनको जन्नत में आला मकाम दे।
वरिष्ठ लेखक कमल देवबंदी और उमर इलाही ने कहा की अब्दुल्लाह उस्मानी की उम्र का बड़ा हिस्सा पढ़ने लिखने में गुज़रा है, उन्का वो मुस्कुराता चेहरा हमेशा हमारी नज़रों के सामने घूमता रहता है उनके साथ बिताए गए हर लम्हे आज याद आ रहे हैं।
शायर डॉक्टर शमीम देवबंदी, शमीम किरतपुरी और दिलशाद खुशतर ने भी अब्दुल्लाह उस्मानी के इंतकाल पर अफसोस जताया और कहा की उर्दू अदब में उनकी कमी हमेशा महसूस की जायेगी।
इस अवसर इंजिनियर मुजम्मिल हसन, सूफी कमरुज्जमा कमर, डॉक्टर महताब आज़ाद, डॉक्टर सादिक देवबंदी, राशिद केसर, आज़म साबरी, नदीम एडवोकेट, सुहेल अकमल, नफीस खान ने अब्दुल्लाह उस्मानी के लिए मगफीरत की दुआ की।

समीर चौधरी/महताब आज़ाद

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