दारूल उलूम देवबंद पहुंचा अफगानिस्तान के दूतावास का प्रतिनिधिमंडल, दारूल उलूम की डेढ़ सो वर्षीय सेवाओं की प्रशंसा।

दारूल उलूम देवबंद पहुंचा अफगानिस्तान के दूतावास का प्रतिनिधिमंडल, दारूल उलूम की डेढ़ सो वर्षीय सेवाओं की प्रशंसा।
देवबंद: भारत और अफगानिस्तान का सांस्कृतिक और मित्रता का लंबा इतिहास रहा है। इसी के तहत भारत में अफगानिस्तान के राजदूत डॉ. फरीदुल्ला मोमंदजई ने रविवार को दारुल उलूम देवबंद पहुंचे और संस्था के जिम्मेदारों से मुलाक़त की और दारूल उलूम देवबंद की दीन और शिक्षा के मैदान में लंबी सेवाओं की तारीफ की।
राजदूत से साथ पहुंचे प्रतिनिधिमंडल ने महमान खाने में मोहतमिम मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी, मौलाना सैयद अरशद मदनी और मौलाना अब्दुल खालिक मद्रासी से मुलाकात की। 
इस दौरान डॉ. फरीदुल्ला मोमंदजई ने दारुल उलूम देवबंद की लंबी शैक्षणिक सेवाओं की तारीफ करते हुए कहा दारूल उलूम देवबंद और देवबंदी उलेमा ने पूरी दुनिया इल्म ए दीन की रोशनी फैलाई है और यही कारण है दारुल उलूम देवबंद को पूरी दुनिया बड़े सम्मान से देखा जाता है।
जिम्मेदारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि बचपन से हमने दारुल उलूम देवबंद और अकबरिन देवबंद के बारे में बहुत कुछ सुना और पढ़ा था और लंबे समय से यहां आने की तमन्ना थी, कई बार कोशिश की लेकिन कभी मौका नहीं मिला। 

इस दौरान भारत और अफगानिस्तान के प्राचीन समारोहों, सभ्यता, भाषा और संस्कृति पर भी चर्चा की गई और बताया गया कि आज भी दारुल उलूम देवबंद में अफगान छात्र पढ़ रहे हैं। मदरसा के अध्यक्ष मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी और मौलाना सैयद अरशद मदनी ने प्रतिनिधिमंडल को बताया कि दारुल उलूम देवबंद और उसके गणमान्य व्यक्तियों ने देश और राष्ट्र के लिए अद्वितीय सेवाएं प्रदान की हैं। विद्वानों के काम, जो दिन की तरह स्पष्ट हैं। देवबंद के ज्ञान को पूरी दुनिया में फैलाने के लिए अकबरियों ने यहां महान बलिदान किए हैं। पूरी दुनिया आ गई है। 
इस दौरान अतिथियों ने दारुल उलूम देवबंद के 150 वर्षों के सेवाओं पर विस्तृत चर्चा की। 
इस मौके पर प्रतिनिधिमंडल में शामिल सांस्कृतिक राजनयिक अरबाब हुसैन ने मौलाना अरशद मदनी से दारुल उलूम देवबंद की महिला शिक्षा के क्षेत्र में की गई सेवाओं के बारे में बात की। राजदूत डॉ. फरीदुल्ला मोमंदजई ने कहा कि यह उनका निजी दौरा है, वह उत्तराखंड गए थे और वहां से यहां पहुंचे हैं। बाद में मेहमान मौलाना सैयद अरशद मदनी के घर पहुंचे और उनसे खास मुलाकात की।
हालांकि प्रतिनिधि मंडल ने मीडिया से यह कहते बात करने से इंकार कर दिया कि वह निजी दौरे पर दारुल उलूम आए हैं। वह मीडिया से बातचीत के लिए अधिकृत नहीं हैं। इस दौरान दारुल उलूम के नायब मोहतमिम मौलाना खालिक मद्रासी, मूसा नईमी, दूतावास मीडिया प्रभारी आजाद, सांस्कृतिक विभाग के प्रभारी अरबाब, इदरीस मामुंद जई और अकमल अफजालयार आदि मौजूद रहे।

असर की नमाज अदा कर किया दारुल उलूम का भ्रमण
देवबंद, दारुल उलूम पहुंचे प्रतिनिधि मंडल ने मुलाकात के बाद संस्था की कदीम मस्जिद में असर की नमाज अदा की। इस दौरान उन्होंने दारुल उलूम में बने अफगानिस्तान के बादशाह के नाम से बने गेट बाब-अल-जहीर को भी देखा। साथ ही संस्था में दी जा रही तालीम की जानकारी लेते हुए नवनिर्मित पुस्तकालय को देखते हुए संस्था की नई व पुरानी इमारतों को देखा।

समीर चौधरी/रियाज़ अहमद।

Post a Comment

0 Comments

देश