जमीयत प्रमुख मौलाना अरशद मदनी का बड़ा बयान- मुफ्ती वलीउल्लाह की फांसी की सजा के फैसले को हाईकोर्ट में चैलेंज करेगी जमीयत उलेमा हिंद।

जमीयत प्रमुख मौलाना अरशद मदनी का बड़ा बयान- मुफ्ती वलीउल्लाह की फांसी की सजा के फैसले को हाईकोर्ट में चैलेंज करेगी जमीयत उलेमा हिंद।
देवबंद: गाजियाबाद की विशेष सेशन कोर्ट द्वारा 6 जून 2006 में संकट मोचन मंदिर सीरियल बम विस्फोट मामले के एकमात्र आरोपी मुफ़्ती वलीउल्लाह को फांसी की सजा सुनाने के मामले में जमीयत उलमा-ए-हिंद इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देगा। 
जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि निचली अदालत के फैसला को हाईकोर्ट में चुनौदी दी जाएगी। हमें पूर्ण विश्वास है कि उच्च न्यायालय से उनको पूरा न्याय मिलेगा। उन्होंने कहा कि ऐसे कई मामले हैं, जिनमें निचली अदालतों ने सज़ाएं दीं मगर जब वह मामले उच्च न्यायालय में गए तो पूरा इंसाफ हुआ। इसका एक बड़ा उदाहरण अक्षरधाम मंदिर हमले का मामला है। जिसमें निचली अदालत ने मुफ्ती अबदुल कय्यूम समेत तीन लोगों को फांसी और चार लोगों को आजीवन कारावास की सजा दी थी। यहां तक कि गुजरात हाईकोर्ट ने भी इस फ़ैसला को बरकरार रखा था। लेकिन जमीयत की कानूनी सहायता के नतीजे में जब यह मुकदमा सुप्रीम कोर्ट में गया तो यह सारे लोग न केवल सम्मानपूर्वक बरी हुए बल्कि निर्दोषों को आतंकवाद के इल्जाम में फांसने पर अदालत ने गुजरात पुलिस को कड़ी फटकार भी लगाई थी। 

समीर चौधरी।

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