समाज सेवी सेठ कुलदीप का आरोप, प्रशासन की मिलीभगत से करोड़ों की भूमि का फर्जी तरीके से किया गया अधिग्रहण, शिकायत के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई।

समाज सेवी सेठ कुलदीप का आरोप, प्रशासन की मिलीभगत से करोड़ों की भूमि का फर्जी तरीके से किया गया अधिग्रहण, शिकायत के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई।
देवबंद: इंडस्ट्रियल एस्टेट में स्थित भूमि के अधिग्रहण के मामले में गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष सेठ कुलदीप छाबड़ा ने जिला उद्योग केंद्र को कटघरे में खड़ा किया है। सेठ कुलदीप का कहना है कि प्रशासन की मिलीभगत से करोड़ों रुपये की भूमि को औने पौने दामों में दे दिया गया। शिकायत के बाद भी प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है।
मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत में सेठ कुलदीप ने कहा कि उनके पिता मेलाराम की 4500 वर्ग मीटर जमीन वर्ष 1952 में रूरल इंडस्ट्रीज प्रोजेक्ट (आरआईपी) के तहत अधिग्रहित की गई थी। वर्ष 1975 में जिला उद्योग केंद्र का कार्यालय स्थायी रूप से सहारनपुर में स्थानांतरित होने के बाद से जमीन जस की तस थी। अब प्रशासन ने मिलीभत कर इस भूमि का 1/2 भाग यानी करीब 1900 वर्ग मीटर हिस्सा 47 लाख रुपये में आवंटित कर 2520 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से लीज डीड पंजीकृत करा दी है। उक्त भूमि चार अलग-अलग लोगों के नाम आवंटित हुई है लेकिन उनमें से एक व्यापारी ने उक्त भूमि पर चारदीवारी कर बड़ा गेट लगा दिया है। जबकि जमीन के चार हिस्से होने चाहिए थे। सेठ कुलदीप ने इसे नियम विरुद्ध बताते हुए उक्त भूमि को उनके हक में आवंटित करने की मांग की। 
उधर, जिला उद्योग केंद्र सहारनपुर के उपायुक्त सिद्धार्थ यादव ने बताया कि अधिग्रहण को लेकर बाकायदा विज्ञापन प्रकाशित कराया गया था।  सारे मानक पूरे करने के बाद डीएम की संस्तुति पर ही भूमि दी गई है। यदि जमीन चार भागों में न बांटने के संबंध में जांच कराई जाएगी।

समीर चौधरी।


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