देवबंद के होनहार इंजीनियरिंग के छात्र का बड़ा कारनामा, डेढ़ महीने में तैयार कर दी बिना पैट्रोल-डीजल से चलने वाली मिनी जीप, नगर में जीप की चर्चा और छात्र की हो रही प्रशंसा।

देवबंद के होनहार इंजीनियरिंग के छात्र का बड़ा कारनामा, डेढ़ महीने में तैयार कर दी बिना पैट्रोल-डीजल से चलने वाली मिनी जीप, नगर में जीप की चर्चा और छात्र की हो रही प्रशंसा।
देवबंद: कहते हुनर और टेलेंट बिना पर के भी उड़ता और दुनिया को अपनी ओर आकर्षित करता है, ऐसा ही एक बड़ा कारनामा देवबंद एक होनहार छात्र ने कर दिखाया जिस की प्रतिभा की नगर में जमकर प्रशंसा हो रही है।

दरअसल जालंधर यूनिवर्सिटी में इंजीनियरिंग की शिक्षा ले रहे 
देवबंद के स्टूडेंट और उसके परिवार ने मिलकर एक ऐसी मिनी जीप बना दी है जो न केवल बिजली से चलेगी बल्कि पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों से भी राहत दिलाएगीl
 इस जीप को पहली बार नगर मे घुमाया गया। यह जीप पूरे नगर में चर्चा का केंद्र बन गयी l
नगर मे वेल्डिंग कारखाना चलाने वाले राशिद कमाल ने बताया कि इस जीप को उनके पुत्र हैदर अली ने डिजाइन किया है, हैदर जालंधर यूनिवर्सिटी में इंजीनियरिंग कर रहे हैं, मैंने तथा मज़हर भाई ने मिलकर आयरन पाइप सीट से इसको बनाया है।
राशिद कमाल ने बताया कि इस जीप को बनाने में डेढ़ महीना का समय लगा, इसको, इलेक्ट्रिकल वाइकल मिनी जीप, नाम दिया गया है। उन्होंने बताया कि इससे ना प्रदूषण को खतरा है और ना ही इसकी आवाज है। यह छोटी गलियों में भी आसानी के साथ जा सकती है, राशिद कमाल ने बताया कि जीप के अंदर 4 बैटरी है जो 7 घंटे में चार्जिंग हो जाती है एक बार चार्ज होने के बाद जीप 100 किलोमीटर तक चलेगी। उन्होंने बताया कि इस जीप में कोई गियर सिस्टम नहीं है केवल रेस और ब्रेक है इसे कोई भी व्यक्ति मामूली प्रशिक्षण के बाद आसानी के साथ चला सकता है। इस जीप की अधिकतम रफ्तार 25 किलोमीटर प्रति घंटा है l
राशिद कमाल ने बताया कि इस मिनी जीप की लंबाई 2 मीटर और चौड़ाई 1 मीटर है, और इसके निर्माण में करीब सवा दो लाख रुo का खर्च आया है  यह 4 सीटर है। उन्होंने बताया कि वह इस जीप को व्यावसायिक तौर पर मार्केट में उतारना चाहते हैं जिसके लिए उन्होंने सभी नियम और आवश्यक प्रावधानों को पूरा कर लिया हैl

समीर चौधरी।

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