रमजान के पहले जुमे को मस्जिदों में उमड़ी अकीदतमंदों की भीड़, उलेमा ने सीधे रास्ते पर चलने की नसीहत के साथ कराई देश में अमन व शांति की दुआएं, बाजारों में भी लगी भीड़।

रमजान के पहले जुमे को मस्जिदों में उमड़ी अकीदतमंदों की भीड़, उलेमा ने सीधे रास्ते पर चलने की नसीहत के साथ कराई देश में अमन व शांति की दुआएं, बाजारों में भी लगी भीड़।
फोटो: मस्जिद रशीद से जुमे की नमाज अदा कर निकलते हुए पूर्व सांसद मौलाना महमूद मदनी।

देवबंद: पवित्र माहे रमजान के पहले जुमे को मस्जिदों में अकीदतमंदों की जबरदस्त भीड़ उमड़ी और नमाज ए जुमे अदा करके आपसी भाईचारे व देश में अमन शांति की दुआएं की, नमाज के बाद लोगों ने जमकर खरीदारी की।

कोविड-19 के चलते पिछले दो सालों से सरकारी गाइडलाइन के तहत मस्जिदों में नमाज ए जुमा सीमित संख्या में ही लोग अदा कर रहे थे। रमजान के रोजे रखने के बावजूद बड़ी संख्या में लोगों को मस्जिद में नमाज अदा करने का अवसर नहीं मिल रहा था लेकिन अब करोना गाइडलाइन संपूर्ण रूप से हटाए जाने के बाद जहां बाजारों में रौनक दिखाई दे रही है वहीं मस्जिद में भी अकीदतमंदों की भीड़ नजर आ रही है।

मुकद्दस रमजान माह के पहले जुमे को नगर और देहात क्षेत्र की मस्जिदों में अकीदतमंदों ने नमाज अदा की। लोगों ने अल्लाह की बारगाह में सजदे कर हाथ फैलाकर आपसी सौहार्द और अमन की दुआएं मांगी।
प्रसिद्ध मस्जिद रशीद में मुफ्ती मोहम्मद अफ्फान मंसूरपुरी, जामा मस्जिद में दारुल उलूम वक्फ के उस्ताद मुफ्ती आरिफ कासमी, छत्ता मस्जिद में मौलाना अरशद मदनी के बेटे मौलाना अजहर मदनी ने जुमे की नमाज अदा कराई। 
इस अवसर पर जमीअत उलमा ए हिंद के प्रमुख मौलाना सैयद अरशद मदनी ने अपने विषेश संबोधन के दौरान सभी को रमजान की कदर करने की नसीहत देते हुए कहा कि हमें अल्लाह का शुक्र अदा करना चाहिए कि उसने हमें एक बार फिर रमजान जैसी अजीम नेमत से नवाजा है। उन्होंने कहा कि हमें रमजान के हर लमहे की कदर करनी चाहिए और तौबा अस्तगफार करके अपनी दुनिया और आखिरत संवारनी चाहिए, साथ ही उन्होंने बुरे कामों को छोड़कर सीधे रास्ते पर चलने की भी नसीहत की।

मस्जिद रशीद में मुफ्ती अफ्फान मंसूरपुरी ने रोजेदारों को संबोधित करते हुए कहा कि रमजान एक विशेष और अल्लाह की तरफ से इनाम का महीना है, इस महीने में हर तरफ रहमत बरसती है, हमें इन रहमतों और बरकतों से फायदा उठाना चाहिए। उन्होंने सभी को अल्लाह के बताए हुए रास्ते पर चलने और सांप्रदायिक सौहार्द, अमन शांति और देश में भाईचारे को मज़बूत करने पर जोर दिया, उन्होंने कहा कि कुरान के बताए हुए रास्ते पर चलने में ही दोनों जहां की कामयाबी है।
नमाज से पूर्व जामा मस्जिद में मुफ्ती आरिफ ने कहा कि रोजा रखकर हर बुराई से दूर रहना और अल्लाह की इबादत में वक्त गुजारना रोजा होता है। इस महीने में अल्लाह अपने बंदों के लिए बरकतों और रहमतों का दरवाजे खोल देता है। नमाज के उपरांत मस्जिदों में रोजेदारों ने अल्लाह की बारगाह में हाथ उठाकर मुल्क में अमनो-अमान, भाईचारा और बारिश के लिए दुआ की।  
इसके अलावा नगर की सभी मस्जिदों में नमाजियों की भीड़ देखी गई। नगर पालिका परिषद की ओर से मस्जिदों के आसपास जुमे की नमाज को लेकर साफ-सफाई और कली चूना आदि का छिड़काव कराया गया था।
बड़ी संख्या में आसपास के क्षेत्र से नमाज अदा करने पहुंचे लोगों ने नमाज के बाद जमकर खरीदारी की, सेहरी और इफ्तारी के सामान के साथ-साथ लोग टोपी, रुमाल, इत्र और कपड़े की खरीदारी करते नजर आए।
उधर, राज्जुपुर, गोपाली, थीतकी, सांपला, लबकरी, बन्हेड़ा खास, मानकी आदि गांवों की मस्जिदों में भी अकीदतमंदों ने जुमे की नमाज अदा कर दुआएं मांगी।

समीर चौधरी।

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