सख्त गर्मी के बावजूद वरिष्ठ पत्रकार फहीम उस्मानी के सात वर्षीय भांजे मोहम्मद हिफ़्ज़ेन ने रखा पहला रोज़ा।
देवबंद: गर्मी के बावजूद रोज़ा रख पूरे दिन भूखे प्यासे रहकर मासूम बच्चे भी अल्लाह को राज़ी कर रहे हैं। वरिष्ठ पत्रकार फहीम उस्मानी के सात साल के मासूम भांजे मोहम्मद हिफ़्ज़ेन ने मुक़द्दस माह रमज़ान के तीसरे जुमा को अपना पहला रोज़ा रखा।
रमजान का रोजा इस्लाम धर्म में एक मात्र ऐसी इबादत है जिसका बदला खुद अल्लाह अता करेंगे। यही वजह है कि अकीदतमंदों में पवित्र माह रमजान को लेकर अलग ही जच्बा नजर आता है। बड़ों के साथ ही बच्चों में भी रोजा रखने की होड़ रहती है।
वरिष्ठ पत्रकार फहीम उस्मानी के यहां जवालापुर (हरिद्वार) से आए हुए उनके मासूम सात साला भांजे मोहम्मद हिफ़्ज़ेन पुत्र चांद हसन ने शुक्रवार को अपना पहला रोज़ा रखा और दिनभर भूखे प्यासे रहकर अल्लाह के हुक्म को पूरा किया।मासूम बच्चे के अंदर अल्लाह का हुक्म मानने का यह जज़्बा देखकर घरवाले उसका पूरे दिन दुलार करते रहे।
मासूम हिफ़्ज़ेन के पहला रोज़ा रखने पर वालिदा फौज़िया उस्मानी ने खुशी का इज़हार करते हुए कहा कि उनकी दुआ है कि उनका बच्चा बड़ा होकर आलिम बने और अल्लाह के सारे हुकमों को पूरा करे। मासूम हिफ़्ज़ेन के नाना, नानी, मामी व खाला जान ने भी उसे अपनी नेक दुआओ से नवाज़ा है।
समीर चौधरी।
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