मीट की दुकानें बंद करने के आदेश पर बवाल के बाद पलटी गाजियाबाद की मेयर, आदेश को वापस लेते हुए कहा सरकार के दिशा निर्देश अनुसार खुलेंगी मीट की दुकानें।

मीट की दुकानें बंद करने के आदेश पर बवाल के बाद पलटी गाजियाबाद की मेयर, आदेश को वापस लेते हुए कहा सरकार के दिशा निर्देश अनुसार खुलेंगी मीट की दुकानें।
गाजियाबाद: नवरात्र शुरू होने के अवसर पर गाजियाबाद में मीट मांस की दुकानें 9 दिनों के लिए बंद किए जाने के आदेश पर हंगामा होने के चलते 12 घंटे बाद ही गाजियाबाद की मेयर ने उसे वापस ले लिया है और कहा कि सरकार के आदेशों के अनुसार ही मीट विक्रेताओं की दुकानें खोलने की अनुमति होगी।
शुक्रवार को गाजियाबाद की मेयर आशा शर्मा ने लेटर जारी किया था, उन्होंने कहा था कि 9 दिन तक कोई भी मांस की दुकान गाजियाबाद के अंदर नहीं खुलेगी। गाजियाबाद के खाद्य सुरक्षा अधिकारी की तरफ से बताया गया था कि नवरात्र के कारण 9 दिन तक मीट की दुकान नहीं खुलने दी जाएंगी और नवरात्र के बाद भी लाइसेंस वाले मीट विक्रेता खुले में मीट की बिक्री नहीं कर पाएंगे। 
इस मामले को तूल पकड़ता देख नगर निगम की महापौर आशा शर्मा ने अगले ही दिन अपना फैसला वापस ले लिया। वहीं, 2 अप्रैल को फिर से एक पत्र नगर विकास अधिकारी डॉ. मिथिलेश कुमार सिंह के नाम जारी किया, जिसमें बताया कि उन्होंने इस तरह के निर्देश दिए थे, लेकिन अब उस आदेश को संशोधित करते हुए आप को निर्देशित किया जाता है कि इस संबंध में उत्तर प्रदेश शासन द्वारा जो दिशा निर्देश निर्गत किए गए हैं। उनका अनुपालन सुनिश्चित कराया जाए।
गाजियाबाद में मेयर आशा शर्मा ने शनिवार को अपना बयान वापस ले लिया है, नए आदेश के अनुसार, जिन मीट विक्रेताओं को लाइसेंस जारी किया गया है वह लोग नियमानुसार मीट बेच सकते हैं। 
हालांकि गाजियाबाद मेयर के आदेश के बाद मीडिया में यह खबर आने लगी थी कि इस तरह के आदेश प्रदेश सरकार की ओर से सभी जनपद के अधिकारियों को दिए गए हैं और थानाध्यक्षों को इसके लिए जिम्मेदार बनाया गया है, अगर किसी क्षेत्र में नवरात्रों के दौरान खुले में मीट बिकता हुआ यह मीट की दुकानें खुली हुई पाई गई तो उसके लिए सीधे तौर पर थाना अध्यक्ष जिम्मेदार होंगे। गाजियाबाद में खाद्य विभाग की टीम ने मेयर के आदेश को शासन का आदेश बता कर मीट की दुकानों को बंद कराना भी आरंभ कर दिया था। लेकिन इस पूरे मामले पर बवाल के बाद गाजियाबाद मेयर ने अपना आदेश वापस ले लिया। अन्य किसी भी जनपद से इस तरह का कोई आधिकारिक आदेश जारी नहीं हुआ है।

समीर चौधरी।

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