उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि "समान नागरिक संहिता के लिए गंभीरता से विचार कर रही है उत्तर प्रदेश सरकार"।

उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि "समान नागरिक संहिता के लिए गंभीरता से विचार कर रही है उत्तर प्रदेश सरकार"।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का कहना है कि समान नागरिक संहिता देश और राज्य के लिए बेहद ज़रूरी है। मौर्य का कहना है कि उत्तर प्रदेश सरकार समान नागरिक संहिता लागू करने पर गंभीरता से विचार कर रही है।
न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़, पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा, ''एक देश में सभी के लिए एक कानून, समय की ज़रूरत है. ये ज़रूरी है कि हम एक शख़्स के लिए एक कानून और दूसरे के लिए दूसरे कानून की व्यवस्था से बाहर निकलें. हम समान नागरिकता संहिता के पक्ष में हैं. उत्तर प्रदेश सरकार इस दिशा में गंभीरता से सोच रही है।"
मौर्य ने कहा कि जिस तरह उत्तराखंड सरकार ने इस दिशा में कदम उठाया है, यूपी और दूसरे बीजेपी शासित राज्यों में भी समान नागरिक संहिता लागू को लागू करना चाहिए।
उन्होंने कहा, ''यहां तक कि दूसरे राज्यों में जहां बीजेपी की सरकार नहीं है, वहां भी समावेशी विकास के लिए इसको लागू करने की ज़रूरत है. समान नागरिक संहिता एक ऐसी चीज़ है जिसकी मांग ही नहीं साथ ही इसका स्वागत किए जाने की ज़रूरत है।"
बता दें कि उत्तराखंड में बीजेपी सरकार बनने के बाद ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पहली कैबिनेट बैठक में समान नागरिक संहिता को लागू करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति को गठित किया है। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के वक्त मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने रैलियों में कह चुके हैं कि देश में एक कानून की ज़रूरत है और इस मुद्दे को सही समय आने पर लागू किया जाएगा।
हालांकि, समान नागरिक संहिता को लागू किए जाने को लेकर मुस्लिम संगठनों और विपक्ष की राय अलग है।

साभार- बीबीसी हिंदी।

Post a Comment

0 Comments

देश