देश की वर्तमान स्थिति पर दारुल उलूम देवबंद के मोहतमिम ने जताई चिंता, मुसलमान समझदारी से करें हालात का मुकाबला, कहा शरीयत और कानून ने सभी को आत्मरक्षा का अधिकार दिया है, बुज़दिली ईमान वालों की शान नहीं।
देवबंद: विश्व विख्यात इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारुल उलूम देवबंद के मोहतमिम मुफ्ती अबुल कासिम नौमानी ने देश में पैदा किए जा रहे नफरत के माहौल पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि मुसलमानों को बुज़दिली का रास्ता छोडक़र हिकमत और समझदारी से हालात का मुकाबला करना चाहिए। उन्होंने मुसलमानों को अपने अखलाक दुरुस्त कर मजहबे इस्लाम के अमन के पैगाम को दुनिया के सामने रखने की भी नसीहत की।
मुकद्दस माह रमजान में अपने मूल निवास बनारस स्थित खानकाह में इबादत कर रहे मोहतमिम मुफ्ती अबुल कासिम नौमानी की सोशल मीडिया पर एक ऑडियो तेजी के साथ वायरल हो रही है जिसमें वह देश के वर्तमान हालात पर चिंता व्यक्त करते हुए मुसलमानों से अपने अखलाक व मामलात दुरुस्त करने की अपील कर रहे हैं। मौलाना कह रहे हैं कि मुसलमान अपने गुनाहों से तौबा करें, अपनी जिंदगियों में इस्लामी तालीम को अपनाए, अपने पड़ोसियों व हमवतनों के सामने इस्लाम की असली तसवीर पेश करें ताकि उनके जहनों में जो गंदगी भरी जा रही है वो साफ हो सके।
मौलाना ने यह भी कहा कि हम अमनो अमान के मुहाफिज हैं। लेकिन अगर हालात ऐसे आ जाएं कि हमारी जान व माल इज्जत व आबरू पर कोई हमला करने लगे तो ऐसे में केवल छत पर चढक़र नारा ए तकबीर बुलंद न करें बल्कि अल्लाह ने जितनी ताकत दी है उसके साथ मुकाबला किया जाए। क्योंकि शरीयत और देश के कानून में सभी को आत्मरक्षा का अधिकार दिया है। मौलाना ने कहा कि मौत आए तो इज्जत के साथ आए क्योंकि मौत जरूर आएगी। दिलों में बुज़दिली और कमजोरी बैठाकर अपने आपको दूसरों के सपुर्द कर देना यह ईमान वालों की शान नहीं है। मौलाना ने देश के वर्तमान हालात और सियासतदानों की खामौशी पर भी गहरी चिंता व्यक्त की है।
समीर चौधरी।
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