मुत्तहिदा ख्वातीन कमेटी ने कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले पर जताई कड़ी आपत्ति, दी सत्याग्रह की चेतावनी।

मुत्तहिदा ख्वातीन कमेटी ने कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले पर जताई कड़ी आपत्ति, दी सत्याग्रह की चेतावनी।
देवबंद: हिजाब पर कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को मुत्तहिदा ख्वातीन कमैटी ने तथ्यहीन फैसला बताया। कमेटी ने दो टूक कहा कि अदालत ने फैसला देते वक्त कुरआन का गलत हवाला दिया। जबकि कुरआन के पारा संख्या 18 और 22 का अवलोकन नहीं किया।
सीएए और एनआरसी के खिलाफ देवबंद के ईदगाह मैदान पर  57 दिनों तक सत्यग्रह का संचालन करने वाली मुत्तहिदा ख्वातीन कमैटी की अध्यक्षा आमना रोशी ने कहा कि अगर हिजाब को लेकर सत्यग्रह करना पड़ा तो कमैटी फिर देवबंद की महिलाए फिर घरों से बाहर निकलेगी। उन्होंने कहा कि कर्नाटक हाईकोर्ट का फैसला कुरआन और हदीस के खिलाफ है। कमेटी महासचिव सलमा अहसन ने कहा कि मुल्क में सिख भाईयों को धार्मिक आधार पगड़ी पहनने और कृपाण रखने की इजाजत है मुसलमानों के साथ धार्मिक भेदभाव क्यों बरता जा रहा है। उन्होंने कहा कि कुरआन के पारा संख्या (भाग)18 की सुरे अन-नूर की 31वी आयत और पारा 22 में सुर-ए-अहजाब की आयत संख्या 59 में पर्दे का हुक्म दिया हुआ है।

उपाध्यक्ष फौजिया सरवर ने कहा कि आजादी के बाद से मुल्क में लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष संविधान की व्यवस्था है। इस तरह के फैसले मुल्क में धार्मिक आधार टकराव पैदा कर सकते हैं। इसलिए गलत तथ्यों पर धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ न किया जाना चाहिए। कहा कि पर्दा हर दौर ओर हर मजहब में रहा है। इसे धार्मिक आधार से नहीं जोड़ा जाना चाहिए।

समीर चौधरी।

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