"हिजाब इस्लाम धर्म का जरूरी हिस्सा है", कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले पर दारुल उलूम देवबंद की प्रतिक्रिया, कहा फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया जाए।

"हिजाब इस्लाम धर्म का जरूरी हिस्सा है", कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले पर दारुल उलूम देवबंद की प्रतिक्रिया, कहा फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया जाए।
देवबंद: पिछले कई महीने से कर्नाटक में जारी हिजाब विवाद पर हाईकोर्ट ने मगंलवार को अहम फैसला देते हुए कहा कि हिजाब इस्लाम धर्म का जरूरी हिस्सा नहीं है। हाईकोर्ट के इस फैसले को दारुल उलूम देवबंद ने नाकाबिल-ए-कबूल बताते हुए कहा कि कोर्ट का यह कहना कि हिजाब इस्लाम मजहब का अनिवार्य हिस्सा नहीं है गलत है। उन्होंने कहा कि इस्लम में पर्दा वाजिब है और कुरआन का हुक्म है।
अमूमन अदालती फैसलों को लेकर खामौश रहने वाले दारुल उलूम ने कर्नाटक हाईकोर्ट के हिजाब पर आए फैसले पर कौमी मिल्ली तंजीमों से आह्वान किया कि वह इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दें। दारुल उलूम मोहतमिम मुफ्ती अबु ल कासिम नोमानी ने कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले पर त्वरित प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अगर कोर्ट कहता है कि इस्लाम में पर्दा वाजिब नहीं है तो इस बात से इंकार किया जाना चाहिए। इसलिए कि पर्दा जरुरी है। कहा कि पर्दा इस्लाम का हिस्सा है और वाजिब होने के लिए कुरआन का हुक्म है। मुफ्ती नोमानी ने कहा कि भारत लोकतांत्रिक देश है के सरकार के तालीमी और सरकार मान्यता प्राप्त किसी शैक्षिक संस्था को यह अधिकार नहीं कि देश के किसी भी तालीमी इदारें को यह अधिकार नहीं है कि वह ऐसे नियम बनाए कि जो किसी मजहब या परमपरा के खिलाफ हो। मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी ने कहा कि उन्होंने अभी हाईकोर्ट के फैसले की कॉपी नहीं देखी है इसलिए अभी कोई अंतिम प्रतिक्रिया नहीं दी जा सकती। लेकिन कर्नाटक हाईकोर्ट का जो फैसला खबरो के माध्यम से हम तक पहुंचा है उसके अनुसार यह फैसला पुन: विचार योग्य है।

समीर चौधरी।

Post a Comment

0 Comments

देश