जानिए कौन है मोहसिन रजा की छुट्टी करा कर योगी सरकार 2.0 में मंत्री बनने वाला एकमात्र मुस्लिम चेहरा दानिश आजाद।

जानिए कौन है मोहसिन रजा की छुट्टी करा कर योगी सरकार 2.0 में मंत्री बनने वाला एकमात्र मुस्लिम चेहरा दानिश आजाद।
लखनऊ: शुक्रवार को उत्तर प्रदेश की योगी सरकार 2.0 का शपथ ग्रहण समारोह लखनऊ में हुआ इस दौरान मंत्रिमंडल में फेरबदल देखने के लिए खास बात ये है कि योगी सरकार में एकमात्र मुस्लिम चेहरा रहे मोहसिन रजा की छुट्टी करके उनकी जगह दानिश आजाद को मंत्री बनाया गया है। योगी सरकार के 52 मंत्रियों ने शपथ ली जिसमें दानिश आजाद भी शामिल है हालांकि विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने किसी भी मुस्लिम को टिकट नहीं दिया था।
कौन है मंत्री दानिश आज़ाद।
लखनऊ विश्वविद्यालय के वरिष्ठ छात्र नेता रहे और वर्तमान में भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश महामंत्री दानिश आजाद योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल में मंत्रिमंडल का मुस्लिम चेहरा बनाए गए। राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के पद के लिए दानिश आजाद ने शपथ ली है। मोहसिन रजा की जगह दानिश आजाद पर बीजेपी ने विश्वास जताया है। दानिश योगी आदित्यनाथ की सरकार में इकलौते मुस्लिम मंत्री के रूप में शामिल हुए हैं। युवा चेहरा और बुलंद आवाज। छह साल तक भाजपा से जुड़े छात्र संगठन यानी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के कार्यकर्ता रहे। दानिश उन चेहरों में हैं, जो पार्टी के लिए मेहनत करते रहे हैं। 2017 में इसका पहला इनाम भी उन्हें मिला। तब दानिश को उर्दू भाषा समिति का सदस्य बनाया गया। 2022 के चुनाव से ठीक पहले उन्हें भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा का महामंत्री बनाया गया।

दानिश आजाद अंसारी मूल रूप से बलिया के बसंतपुर के रहने वाले हैं। उम्र 34 साल है। 2006 में लखनऊ यूनिवर्सिटी से बी.कॉम की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद यहीं से मास्टर ऑफ क्वालिटी मैनेजमेंट फिर मास्टर ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन की पढ़ाई की है।
जनवरी 2011 में भाजपा के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से जुड़ गए। यहीं से दानिश के आजाद ख्यालात लखनऊ विश्वविद्यालय में गूंजने लगे। दानिश ने खुलकर एबीवीपी के साथ-साथ भाजपा और आरएसएस के लिए युवाओं के बीच माहौल बनाया। खासतौर पर मुस्लिम युवाओं के बीच। इस बार चुनाव से पहले अक्टूबर 2021 में दानिश को बड़ी जिम्मेदारी मिल गई। भाजपा ने अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश महामंत्री पद की जिम्मेदारी दे दी थी।
जानकारों का मानना है कि इस बार काफी संख्या में मुस्लिम वोट भी बीजेपी को मिले हैं इसीलिए दानिश आजाद अंसारी के रूप में एक सुन्नी चेहरे को सामने किया गया है। मोहसिन रजा शिया समुदाय से आते थे, उन्हें भी बीजेपी ने एमएलसी बनाकर सरकार में शामिल किया था।

आजाद ने 2022 के विधानसभा चुनाव में अल्पसंख्यक समुदाय में भाजपा के प्रति विश्वास जगाने के लिए काफी मेहनत की थी। वह लगातार मुस्लिम समुदाय के लोगों को इस बात का विश्वास दिलाने की कोशिश में जुटे रहे कि उनका विकास भाजपा सरकार ही कर सकती है। दानिश आजाद को सीएम योगी का भी करीबी माना जाता है। वह यूपी सरकार के फखरुद्दीन अली मेमोरियल समिति के सदस्य भी रहे हैं। इसके अलावा राज्य भाषा समिति के भी सदस्य हैं।

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