CAA प्रदर्शनकारियों से वसूली के नोटिस वापिस लिए जाने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले का मौलाना अरशद मदनी ने किया स्वागत।

CAA प्रदर्शनकारियों से वसूली के नोटिस वापिस लिए जाने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले का मौलाना अरशद मदनी ने किया स्वागत।
देवबंद: जमीयत उलेमा ए हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि सीएए और एनआरसी का जो लोग प्रोटेस्ट कर रहे थे और सरकार द्वारा उनकी संपत्ति कुर्क करने के जो नोटिस दिए गए थे उस पर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को फटकार लगाई है हम समझते हैं कि यह सुप्रीम कोर्ट की बहुत अच्छी पहल है और हमें उम्मीद है कि उन पर जो मुकदमे चल रहे हैं वह भी जल्द वापस ले लिए जाएंगे, जिस तरीके से मेरठ और अन्य शहरों में मुसलमानों के खिलाफ़ कार्रवाई हुई, जमीयत ने ऐसे सभी पीड़ित लोगों की पैरवी की थी, हमें लगता है जल्दी ही मुसीबत के दरवाजे बंद होंगे।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने सीएए और एनआरसी के विरोध प्रदर्शन करने वाले 274 लोगों के खिलाफ वसूली के नोटिस जारी किए थे, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार को फटकार लगाते हुए तत्काल सभी नोटिस वापस लेने और कुर्क की गई संपत्ति व जुर्माना वापस करने का आदेश दिया था, जिस पर शुक्रवार को योगी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में जानकारी दी है कि उसने सभी 274 लोगों के खिलाफ जारी नोटिस वापस ले लिए।
शनिवार को जमीअत उलमा हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना सैयद अरशद मदनी सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश का स्वागत करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट की हकीकत तक पहुंचने की कोशिश देश के लिए एक अच्छी पहल है। सुप्रीम कोर्ट के इस रुख से मुसीबत के दरवाजे बंद होंगे और अल्लाह चाहेगा सभी लोगों को उनके संवैधानिक अधिकार मिलेंगे और सरकारों की कानून के खिलाफ शिकंजा कसने की कार्रवाई नहीं चलेगी। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से लोकतंत्र को मजबूती मिली है।

समीर चौधरी।

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