प्रयागराज धर्मसंसद में अपात्तिजन और हिंसक बयानबाजी पर यूपी पुलिस को शिकायत।
लखनऊ: एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स (एपीसीआर) के एक्टिविस्ट जावेद मोहम्मद द्वारा 29 जनवरी को माघ मेला क्षेत्र में आयोजित धर्म संसद में दिए गए भावना भड़काने, विद्वेष फैलाने और संविधान को अमर्यादित करने वाले प्रवचकर्ताओ महामंडलेश्वर प्रबोधानंद महाराज, शंकराचार्य नरेंद्रनन्द सरस्वती, यतीन्द्रनाथ गिरी स्वामी आनंद स्वरूप, स्वामी राम लखन दास साध्वी पूजा सकून के विरुद्ध आईपीसी की धारा 153 A, 153B , 295, 295 A , 298 , 504 , 505 (2) एवम 506 के अंतर्गत थाना दारा गंज मे ऑन लाइन प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।
स्वामी आनंद स्वरूप द्वारा आयोजित इस सन्त सम्मेलन/धर्म संसद के पोस्टर होर्डिंग में साफ लिखा था कि इसका आयोजन इस्लामिक जिहाद के खिलाफ़ और हिन्दू राष्ट्र के निर्माण के लिए हुआ है। इसी के साथ हरिद्वार धर्म संसद के मुकदमे में गिरफ्तार (यति और गिरी) की रिहाई के लिए उग्र प्रदर्शन करने की चेतावनी भी डी गई थी, स्वामी राम लखन दास ने देवबंद और बरेली शरीफ के मदरसों को तत्काल बन्द करने की मांग भी उठाई। धर्म संसद में प्रस्ताव पास कर भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित करने की मांग की गई। स्वामी नरेंद्रनन्द सरस्वती ने कहा कि "अल्पसंख्यको को भारत से समाप्त कर देना चाहिए और हमे हाथों में हथियार उठा लेना चाहिए"
सामाजिक कार्यकर्ता जावेद मोहम्मद का कहना है कि इस धर्म संसद की पूरी कार्यवाही, भाषण और प्रस्ताव इस देश के संविधान के मूल्यों, समरसता, धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ है और विभिन्न समुदायों में वैमनस्यता फैलाने तथा अल्पसंख्यक को असुरक्षित करने वाला है। एपीसीआर इस के विरुद्ध शीघ्र करवाई की मांग करती है।
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