बजट में किसानों को खुश नहीं कर सकी मोदी सरकार, किसान नेताओं ने बजट को बताया किसान और गरीब विरोधी।

बजट में किसानों को खुश नहीं कर सकी मोदी सरकार, किसान नेताओं ने बजट को बताया किसान और गरीब विरोधी।
सहारनपुर: आज यहां पश्चिम प्रदेश मुक्ति मोर्चा कार्यालय पेपर मिल रोड पर एक बैठक को संबोधित करते हुए किसान नेता व पश्चिम प्रदेश मुक्ति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भगत सिंह वर्मा ने कहा कि 2022 - 23 का यूनियन बजट किसान और गरीब विरोधी है। इस बजट में देश के अन्नदाता किसानों के लिए कुछ नहीं है। देश के किसानों को आशा थी कि इस बजट में सरकारों की गलत नीतियों के कारण बढ़ते हुए कर्ज पर अंकुश लगाया जाएगा और किसानों के कर्ज व ब्याज माफ किए जाएंगे। लेकिन बजट में न ही किसानों को उनकी फसलों का लाभकारी मूल्य दिलाने के लिए कदम उठाया है और ना ही कोई ओर योजना है। भगत सिंह वर्मा ने कहा कि बजट में मनरेगा योजना को सीधा खेती से जोड़ना चाहिए था और मनरेगा योजना के तहत ही किसानों को खेती के लिए मजदूर उपलब्ध कराने चाहिए थे। भगत सिंह वर्मा ने कहा कि देश में गन्ना मुख्य नकदी फसल है गन्ने से देश और प्रदेश सरकारों को प्रति वर्ष लाखों करोड़ रुपए राजस्व प्राप्त होता है। इस बजट में देश के गन्ना किसानों को बजट में 50000 करोड रुपए आवंटित करके ₹100 कुंटल गन्ना किसानों के खातों में सीधा भेजना चाहिए था। भगत सिंह वर्मा ने कहा कि देश में अन्नदाता किसानों की क्रय शक्ति बढ़ने से ही देश आर्थिक रूप से मजबूत हो सकता है इस बजट में किसानों की घोर उपेक्षा की गई है। यह बजट किसान विरोधी होने के साथ-साथ गरीब विरोधी है और बेरोजगारी और महंगाई बढ़ाने वाला बजट है। इस बजट से सीधे-सीधे कारपोरेट घरानों को लाभ होगा।

समीर चौधरी।

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