सादिया तारिक ने गोल्ड मेडल जीतकर रचा इतिहास, उपराष्ट्रपति और पीएम मोदी ने दी बधाई।

सादिया तारिक ने गोल्ड मेडल जीतकर रचा इतिहास, उपराष्ट्रपति और पीएम मोदी ने दी बधाई। 
नई दिल्ली: मॉस्को वुशु स्टार्स चैम्पियनशिप में सादिया तारिक ने गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रचा है और पूरी दुनिया में भारत का सर ऊंचा करने का काम किया है। सादिया तारिक की इस शानदार कामयाबी पर उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू और प्रधानमंत्री मोदी समेत देशभर से बधाई हो का तांता लगा हुआ है।
भारत की चैंपियन वुशु गर्ल बनी सादिया ने चैंपियनशिप के फाइनल में एक स्थानीय रूसी खिलाड़ी को मात देकर बड़ी उपलब्धि हासिल की। यह चैम्पियनशिप 22-28 फरवरी तक आयोजित किया जा रहा है। और इसी वुशु स्टार्स चैंपियनशिप में भारत की जूनियर और सीनियर टीम भी हिस्सा ले रही है। 
सादिया श्रीनगर से हैं और उन्होंने हाल ही में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी, जालंधर में 20वीं जूनियर नेशनल वुशु चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक हासिल किया है। उस प्रतियोगिता में जम्मू-कश्मीर की वुशु टीम मेडल टैली में कुल मिलाकर तीसरे स्थान पर रही। सादिया के मेडल जीतने पर उनकी पूरी फैमिली खुश है। 
सादिया तारिक को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट कर बधाई दी। पीएम मोदी ने लिखा कि मॉस्को वुशू चैम्पियनशिप में सादिया तारिक को गोल्ड मेडल जीतने पर हार्दिक बधाई। उनकी ये सफलता अन्य कई एथलिट्स को प्रभावित करेगी, भविष्य के लिए उन्हें शुभकामनाएं। 
पूर्व खेल मंत्री और 2004 एथेंस ओलिंपिक में सिल्वर मेडल जीतने वाले राजवर्धन सिंह राठौर ने भी तारिक को बधाई दी। उन्होंने लिखा, मास्को वुशु स्टार्स चैंपियनशिप में गोल्ड जीतने पर सादिया तारिक को बधाई। भारत की बेटियां चमकती रहती हैं।
बता दें कि सादिया जम्मू-कश्मीर के उन पांच वुशु खिलाड़ियों में से एक हैं, जिन्हें दिसंबर में चीन में आयोजित होने वाले युवा एशियाई खेलों के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है।  
पिता ने बताई सादिया तारिक की कहानी।
सादिया के पिता लोन का कहना है कि यह सिर्फ सादिया का ही पदक नहीं है, बल्कि उनका भी है। अब मैं चाहता हूं कि जम्मू-कश्मीर के बच्चे खूब आगे बढ़ें। देश के लिए गोल्ड जीतें और अपने माँ-बाप के साथ साथ देश और राज्य का नाम रोशन करें। 
सादिया के पिता ने बताया कि बेटी के लिए खेल का माहौल बनाना आसान काम नहीं था। सादिया ने जब मुझे कहा था कि पापा मुझे ये गेम खेलना है। तो पहले मुझे अजीब सा लगा, कश्मीर में ऐसा माहौल है कि लड़की खेलने जाए तो लोग कहते हैं – ये लड़की है, इसे मत खिलाओ। 

लेकिन इन सब बातो से मुझे कोई फर्क नहीं पड़ने बाला था, क्यूंकि मुझे यकीन था कि अगर मैं सादिया के साथ रहा तो मेरी बेटी आगे जाएगी। जब मां-बाप का सपोर्ट रहेगा तभी बच्चा आगे बढ़ेगा। लड़की के लिए सबसे मुश्किल घर से निकलना होता है। जिसके लिए माँ-बाप का साथ होना बेहद जरूरी हो जाता है। 

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