कर्नाटक में मुस्लिम छात्राओं के हिजाब पहनने के विरोध ने पकड़ा तूल, हाईकोर्ट में पहुंचा मामला।

कर्नाटक में मुस्लिम छात्राओं के हिजाब पहनने के विरोध ने पकड़ा तूल, हाईकोर्ट में पहुंचा मामला।
बेंगलुरु: कर्नाटक कई कॉलेजों में मुस्लिम छात्राओं के हिजाब पहनने के विरोध के मामले ने तूल पकड़ लिया है। मुस्लिम छात्राओं ने शुक्रवार को इस मामले में विरोध प्रदर्शन करके अपनी बात रखी और हिजाब पहनने को अपना अधिकार बताया। कर्नाटक हाईकोर्ट में हिजाब की इजाज़त देने के लिए याचिका दायर की गई है।
याचिका दायर करने वाले वकील के मुताबिक, सरकार की गाइडलाइन्स प्री यूनिवर्सिटी कॉलेज में पहनावे पर किसी तरह की रोक लगाने की वकालत नहीं करती है। विरोध करने वालों का कहना है कि हिजाब पहनकर यूनिवर्सिटी कॉलेजों में दाखिल नहीं होने दिया जाएगा, इसे लेकर विवाद लगातार गहराता जा रहा है।
हिजाब विवाद की टाइमिंग को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। क्योंकि अगले साल कर्नाटक में विधानसभा चुनाव होने हैं, हिजाब विवाद ने सांप्रदायिक धुव्रीकरण के लिए जमीन तैयार कर दी है। बहुत सारी मुस्लिम लड़कियां हिजाब पर रोक के ख़िलाफ़ हैं। इन लड़कियों की ओर से जिस वकील ने हाइकोर्ट में अर्ज़ी दी है, उनका कहना है कि कोई भी क़ानून इस पहनावे पर रोक नहीं लगाता, मुस्लिम लड़कियों के मुताबिक़, हिजाब पर रोक ठीक नहीं है।
याचिकाकर्ता के वकील एम ताहिर ने कहा, "2021-22 के लिए जो गाइडलाइन्स सरकार की तरफ से जारी की गई है उसके मुताबिक किसी भी तरह की रोक प्री यूनिवर्सिटी (पीयू) कॉलेज में नहीं होगी. अगर कोई अपने हिसाब से इस कानून का उल्लंघन करेगा तो उसके खिलाफ सख्त कारवाई की जाएगी।
मुस्लिम लड़कियों को हिजाब लगाकर स्कूल आने से रोका जाए. दक्षिणपंथी संगठनों ने इस मांग के साथ हिजाब का विरोध किया है. कुछ लड़के लड़कियां भगवा पट्टा लगाकर कॉलेज आए. कॉलेज ने उन्हें भी रोका।
पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने इसे असंवैधानिक बताते हुए कहा कि मुस्लिम छात्राओं को हिजाब पहनना उनका अधिकार है, सरकार को ऐसे असंवैधानिक फैसलों से बचना चाहिए।

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