देवबंद विधानसभा: माविया अली के पर्चा दाखिल करने के बाद अभी बड़ा मोड आना बाकी।

देवबंद विधानसभा: माविया अली के पर्चा दाखिल करने के बाद अभी बड़ा मोड आना बाकी।
देवबंद: देवबंद विधानसभा सीट इस समय समाजवादी पार्टी के लिए हॉट सीट बनी हुई है और यहां दो टिकट के दावेदार होने के कारण कार्यकर्ता और समर्थक भी असमंजस की स्थिति में है। शुक्रवार को अंतिम दिन पूर्व विधायक माविया अली ने भी अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है और दावा किया है कि उन्होंने A B C तीनों फार्म जमा कर दिए हैं। बता दें कि C फार्म पहले प्रत्याशी का सिंबल निरस्त करने लिए होता है। 
इस दौरान सहारनपुर सपा के वरिष्ठ नेता जगपाल दास मौजूद रहे। जगपाल दास के मुताबिक़ माविया अली के पास A B C तीनो फार्म मौजूद हैं, मैंने माविया के तीनों फार्म खुद जांचे और उसके बाद पार्टी प्रत्याशी के तौर पर उनके साथ जाकर नामांकन दाखिल कराया है। अगर कार्तिकेय राणा के पास माविया के बाद का फार्म C है तो फिर वही सपा के अधिकृत प्रत्याशी माने जाएंगे मगर अभी तक कि स्थिति के अनुसार माविया अली ही सपा के अधिकृत प्रत्याशी माने जाएंगे।जगपाल दास के मुताबिक अगर लखनऊ से पार्टी की तरफ से कोई नई जानकारी आएगी तो फिर उसके हिसाब से आगे निर्णय लिया जायेगा। माविया अली के पर्चा दाखिल करने के बाद जिला समाजवादी पार्टी में खलबली मच गई और लखनऊ तक फोन घूमने लगे। 
जिसके बाद वरिष्ठ नेता इमरान मसूद ने मीडिया के सामने आकर कार्तिकेय राणा को पार्टी का अधिकृत उम्मीदवार होने की बात कही लेकिन उन्होंने भी माविया अली के टिकट का खंडन नहीं किया। इमरान मसूद के साथ कार्तिकेय राणा ने भी सपा उम्मीदवार के तौर पर माविया अली के बाद का C फार्म दाखिल करने का दावा किया, हालांकि कार्तिकेय राणा ने अपनी बाइट के दौरान मात्र  ए बी फार्म का जिक्र किया है, उन्होंने सी फार्म की बात नहीं कही है। इस दौरान वरिष्ठ सपा नेता इमरान मसूद और सपा जिलाध्यक्ष रागिब अंजुम साथ मौजूद रहे, इमरान मसूद ने कहा कार्तिकेय राणा ही सपा के असली उम्मीदवार है। लेकिन चुनाव आयोग की वेबसाइट पर दोनों को ही समाजवादी प्रत्याशी के रूप में दर्शाया जा रहा है।
भले ही सीट पर कितनी भी असमंजस की स्थिति बनी हुई हो लेकिन जिला या लखनऊ से खुलकर कोई भी माविया अली के टिकट का खंडन नहीं कर रहा है।
शुक्रवार को माविया अली के द्वारा नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद जिले की राजनीति में जबरदस्त उथल-पुथल की स्थिति पैदा हो गई। लंबे असमंजस और खींचतान की स्थिति के बावजूद पार्टी की ओर से आधिकारिक रूप से कोई भी घोषणा नहीं की है, भले ही पार्टी की वेबसाइट पर कार्तिकेय राणा का नाम मौजूद हो लेकिन लगता है कि एक बार फिर इस मामले में बड़ा मोड़ आएगा। और पूरी स्थिति पर्चो की जांच के बाद ही स्पष्ट हो गई किस का पर्चा निरस्त होगा और कौन समाजवादी पार्टी का अधिकृत प्रत्याशी बनेगा।

समीर चौधरी।

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