दारुल उलूम और दारुल उलूम वक्फ देवबंद सहित नगर के सभी मदरसों में हर्षोल्लास से मनाया गया गणतंत्र दिवस।

दारुल उलूम और दारुल उलूम वक्फ देवबंद सहित नगर के सभी मदरसों में हर्षोल्लास से मनाया गया गणतंत्र दिवस।
देवबंद: विश्व विख्यात इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारुल उलूम देवबंद और दारुल उलूम वक्फ देवबंद सहित नगर के मदरसों में 73वा गणतंत्र दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया और देश में एकता अखंडता भाईचारे और संविधान को मजबूत बनाने का संदेश दिया गया।
बुधवार को दारुल उलूम देवबंद में मोहतमिम मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी ने ध्वजारोहण कर देश के संविधान और इतिहास पर प्रकाश डाला। वही दारुल उलूम वक्फ देवबंद जामिया इमाम मोहम्मद अनवर और दारुल उलूम जकरिया देवबंद सहित नगर के सभी मदरसों में ध्वजारोहण कर गणतंत्र दिवस को हर्षोल्लास के साथ मनाया।
दारुल उलूम वक्फ देवबंद में मोहतमिम मौलाना सुफियान कासमी ने झंडारोहण किया जबकि दारुल उलूम जकरिया में मौलाना मुफ्ती शरीफ खान कासमी ने झंडा फहरा कर संविधान पर रोशनी डाली।

इस दौरान कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए छात्रों व उस्तादों ने सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए मास्क का भी प्रयोग किया। इस अवसर पर उलमा-ए-कराम ने कहा कि हमेशा याद रखना चाहिए हमारे बुजुर्गों ने इस देश को आज़ाद कराने में कितनी कुर्बानियां दी हैं आज भारतीय इतिहास का यादगार दिन है जिसे धूमधाम के साथ मनाना चाहिए, इससे पूरे मुल्क में अमन और भाईचारे का पैगाम जाता है। उलमा-ए-कराम ने सभी से बुजुर्गों के नक़्शे कदम पर चलकर उनकी तमाम शिक्षाओं को जीवन में उतारने का आह्वान किया।
उलेमा ने कहा कि यह हमारे बड़ों की कुर्बानी की यादगार है हम सभी को इसका ध्यान रखना चाहिए चाहे वह किसी धर्म से ताल्लुक रखते हो चाहिए कि सबको मिलजुल कर हिंदुस्तान की प्यार मोहब्बत और तरक्की के लिए इसके लिए हमेशा हम लोग कंधे से कंधा मिलाकर चलने की कोशिश करें।

समीर चौधरी।

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