आखरी दौर की बात चीत भी नाकाम, अब हाथी की सवारी करेंगे नेता जी?

आखरी दौर की बातचीत भी नाकाम, अब हाथी की सवारी करेंगे नेता जी?
कांग्रेस छोड़ कर सपा में आए नेता जी के रूठने मनाने की सभी कोशिशें नाकाम होने के बाद अब नेता जी बसपा के हाथी पर सवार होकर कई उम्मीदवारों का खेल बिगाड़ने का प्रयास करेंगें। 

भाजपा को हराने और अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री बनाने के लिए सिद्धांतों को पसन्द करने वाले इमरान मसूद एक हफ्ता भी सपा में न गुज़ार सके और लंबे चौड़े ऊंचे हाथी पर सवार होने को व्याकुल हो गए, नेता न हुवे मानो कोई मासूम सा बच्चा हैं जो हर चीज़ देखकर मचल उठता है, सपा में शामिल होने से पहले मीडिया में बयान दे रहे थे कि मुझे सपा और अखिलेश से कुछ नही चाहिए कोई सीट नही चाहिए बस सिद्धांतों की वजह से भाजपा और योगी को रोकने के लिए सपा जॉइन कर रहा हूँ मगर वो नेता ही किया जिसकी कोई ज़बान हो? बहुत जल्दी सीटों और मलाईदार पोस्टों को लेकर दिल का ग़ुबार बाहर निकाला और नतीजे में अखिलेश यादव ने तमाम उम्मीदों पर ठंडा पानी उड़ेल दिया वो भी जनवरी की ठंड में बर्फीला पानी।
खैर अब सुनने में आ रहा कि नेता जी बसपा में जा रहे हैं और शायद नकुड़ से चुनाव लड़ेंगे और उस धर्म सिंह सैनी को हराने के लिए अपने सारे हाथी खोल देंगे जो धर्म सिंह नेता जी की जबरदस्त पैरवी लखनऊ में कर रहा था और मीडिया में खुलेआम बता रहा था कि इमरान मसूद वेस्ट का सबसे मजबूत और कद्दावर नेता है, मगर चूंकि नेता जी तो नेता हैं इसलिए वो कब कहां और किया करेंगे ये तो उनके सगे भी नही जानते हालांकि ये अलग बात है कि तकरीबन आम तौर पर उनके दांव हमेशा उल्टे ही पड़ते हैं और खुद ही चित हो जाते हैं।
इमरान मसूद के एक विधायक नरेश सैनी पहले ही साथ छोड़ चुके हैं और खबरों के मुताबिक अब उनके दूसरे विधायक मसूद अख्तर ने भी साफ़ कह दिया है कि मैंने ईमानदारी से राजनीति की है पैसा कमाया नही है मेरे पास तो इतना पैसा है नही की करोड़ो देकर टिकट ले सकूं इसलिए या तो सपा में ही रहूंगा बशर्ते कि सम्मानजनक स्थिति रहे या फिर कॉंग्रेस में वापसी कर अपनी सीट से ही विधानसभा चुनाव लड़ूंगा।
ख़ैर बसपा में जाने के लिए ज़रूरी साज ओ सामान चंदा करके जुटाए जाने के समाचार हैं और जब तलक बसपा में एंट्री होगी तब तलक सहारनपुर की जनता देश विदेश में वायरल वीडियो के मज़े लेती रहेगी और नेता जी के अगले कदम का इंतज़ार करती रहेगी, अल्लाह अल्लाह ख़ैर सल्लाह।

फैसल खान (वरिष्ठ पत्रकार)

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