पुस्तक में पैगंबर हज़रत मोहम्मद साहब (स०) का कार्टून प्रकाशित किए जाने से उलेमा और मुस्लामनों में कड़ा रोष, पुस्तक को बैन ना करने पर अदालत जाने की चेतावनी।
देवबंद: आईसीएसई बोर्ड की सातवीं कक्षा की इतिहास व नागरिक शास्त्र की पुस्तक में पैगंबर मोहम्मद साहब व हजरत जिबराईल की काल्पनिक तस्वीर प्रकाशित किए जाने पर उलमा ने कड़ा रोष व्यक्त किया है। उलमा का कहना है कि पुस्तक के प्रकाशक ने यदि पुस्तक पर तुरंत प्रतिबंध नहीं लगाया और मुस्लिम समाज से माफी नहीं मांगी तो वह मामले में अदालत तक जाएंगे। उन्होंने सरकार से भी प्रकाशक के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग की है।
जमीयत दावतुल मुसलीमीन के संरक्षक व प्रसिद्ध आलिम-ए-दीन मौलाना कारी इस्हाक गोरा ने कहा कि दिल्ली से प्रकाशित आईसीएसई बोर्ड की पुस्तक में पैगंबर मोहम्मद साहब और हजरत जिबराईल की काल्पनिक तस्वीर (कार्टून) प्रकाशित किए जाना मुसलमानों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना है। जिसे किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने सरकार से मामले का संज्ञान लेकर इसमें दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई करने तथा पुस्तक पर तुरंत प्रतिबंध लगाने की मांग की है।
तंजीम अबना-ए-दारुल उलूम के महासचिव मौलाना मुफ्ती याद इलाही कासमी ने कहा कि प्रकाशक ने पुस्तक में पैगंबर मोहम्मद साहब व हजरत जिबराईल की काल्पनिक तस्वीर प्रकाशित कर मुस्लिम समाज की भावनाओं को भड़काने का कार्य किया है। क्योंकि इस्लाम धर्म में तस्वीर बनाना जायज नहीं है। सरकार को मामले का संज्ञान लेकर इसमें कार्रवाई करनी चाहिए। साथ ही कहा कि यदि प्रकाशक तुरंत पुस्तक पर प्रतिबंध नहीं लगाता और मुस्लिम समाज से माफी मांगता तो उन्हें अदालत में जाने को मजबूर होना पड़ेगा।
समीर चौधरी।
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