सऊदी अरब में तबलीगी जमात पर पाबंदी इस्लाम के खिलाफ बड़ी साजिश, सऊदी सरकार के फैसले की देवबंदी उलेमा ने की कड़ी निंदा।

सऊदी अरब में तबलीगी जमात पर पाबंदी इस्लाम के खिलाफ बड़ी साजिश, सऊदी सरकार के फैसले की देवबंदी उलेमा ने की कड़ी निंदा।
देवबंद: सऊदी अरब की सरकार ने अपने देश में तब्लीगी जमात पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है। सरकार ने अपने फैसले में तबलीगी जमात पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए उसे आतंकवाद से जोड़ा है और देश के सभी इमामो और मौलानाओं से इस संबंध में जुमे खुतबे में लोगों को संदेश जारी करने का आदेश दिया है। शुक्रवार को वहां लोगों से तबलीगी जमात से दूर रहने की अपील की गई।
इस्लामिक मामलों के मंत्रालय ने इस संबंध में एक के बाद एक कई ट्वीट किए। सरकार ने ट्वीट के माध्यम कई ऐसे प्वाइंट बताए जिनकी वजहों से तबलीगी जमात देश के लिए खतरा है और इसे बैन किया जा रहा है। 
सऊदी सरकार के इस फैसले की देवबंदी उलेमा ने कड़ी निंदा करते हुए कहा कि सऊदी सरकार को अपने फैसले पर विचार करना चाहिए और दुनिया भर के बुद्धिजीवियों को इस फैसले के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए।
फाजिल ए दारुल उलूम देवबंद और मशहूर लेखक मौलाना डॉ. उबेद इकबाल आसिम ने कहा कि तब्लीगी जमात को लेकर सऊदी सरकार का जो रुख सामने आया है वह निंदनीय है। तब्लीगी जमात पूरी दुनिया में शांति और सद्भावना के साथ अपना धार्मिक कर्तव्य निभाती है। धर्म और मस्जिदों से दूर लोगों को नमाज के करीब आने के लिए प्रोत्साहित करती है। उन्होंने कहा कि दुनिया में कोई भी तब्लीगी जमात की कार्यप्रणाली पर उंगली नहीं उठा सकता, इसलिए ऐसा लगता है कि सऊदी सरकार का यह फैसला इस्लाम के खिलाफ किसी बड़ी साजिश का हिस्सा है।
प्रख्यात लेखक मौलाना नदीम अल-वाजिदी ने सऊदी सरकार के फैसले पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि सऊदी सरकार से इस गैर जिम्मेदाराना रवैये की उम्मीद नहीं थी। सऊदी सरकार को अगर तब्लीगी जमात को लेकर स्टैंड लेना था तो उसे भारत सहित अन्य देशों के विद्वानों के सामने इस पर विचार करना चाहिए था। सऊदी सरकार को दुनिया के इस्लाम विरोधी मुद्दों पर भी नजर रखनी चाहिए। उन्होंने कहा, "हमारा मानना ​​है कि सऊदी सरकार के इस कदम का दुनिया के अन्य हिस्सों में असर होगा, जहां तब्लीगी जमात जैसे धार्मिक संगठनों पर प्रतिबंध शुरू हो सकता है।"

मदरसा दारुल उलूम जकारिया देवबंद के मोहतमिम मुफ्ती शरीफ खान कासमी ने कहा कि सऊदी सरकार दुनिया भर के मुसलमानों के प्रति उदार थी और इस्लाम को विश्व स्तर पर फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती थी लेकिन आज उसका रवैया निंदनीय है। उन्होंने कहा कि विद्वान तब्लीगी जमात के समर्थन में आंदोलन शुरू करें और सऊदी सरकार की गलतफहमी को दूर करने का प्रयास करें।
जामिया कास्मिया के मोहतमिम मौलाना इब्राहिम कासमी ने कहा कि सऊदी अरब सरकार के इस रवैये का असर इस्लामिक दुनिया पर पड़ता है, इसलिए सऊदी सरकार को यह फैसला बहुत सोच समझकर करना चाहिए था। उन्होंने कहा कि जिस देश में सिनेमा हॉल और जुए के अड्डे खुल रहे हों वहां किसी भी धार्मिक समूह के खिलाफ अचानक प्रतिबंध लगाना निंदनीय है। उन्होंने कहा कि दुनिया भर के सामाजिक संगठनों को शांतिपूर्वक ढंग से सऊदी दूतावासो के सामने अपना विरोध दर्ज कराना चाहिए।
गौरतलब है कि तबलीगी जमात सुन्नी मुसलमानों का सबसे बड़ा संगठन है जिसका वजूद भारत में 1926 के आसपास आया था। यह संगठन मुसलमानों को सुन्नी इस्लाम में लौटने और धार्मिक उपदेश देने का काम करता है। यह एक पुराना इस्लामिक सिद्धांतों को फैलाने वाला संगठन है और अब इसकी पहुंच दुनिया भर के करीब तमाम देशों में है।
तबलीगी जमात का संगठन कितना बड़ा है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि दुनिया भर में इसके 350 से 400 मिलियन सदस्य हैं।

समीर चौधरी

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