देश के मदरसों के सबसे बड़े संगठन की बैठक में नई शिक्षा नीति पर गहन चर्चा, दारुल उलूम में आयोजित कार्यक्रम में देश भर से जुटे उलेमा ने मदरसों के उत्थान के लिए कई फैसलों पर लगाई मुहर।

देश के मदरसों के सबसे बड़े संगठन की बैठक में नई शिक्षा नीति पर गहन चर्चा, दारुल उलूम में आयोजित कार्यक्रम में देश भर से जुटे उलेमा ने मदरसों के उत्थान के लिए कई फैसलों पर लगाई मुहर।
देवबंद: देश के मदरसों के सबसे बड़े संगठन राब्ता-ए-मदारिस इस्लामिया अरबिया की कार्यसमिति की एक दिवसीय बैठक का आयोजन दारुल उलूम देवबंद में किया गया। इस दौरान मदरसों की शिक्षा का जायजा लिया गया साथ ही मदरसों के विकास और शिक्षा के सिस्टम को और अधिक मजबूत बनाने के लिए कई अहम फैसलों पर मोहर लगाई गई। इस दौरान देश भर से जुटे उलेमा ने नई शिक्षा नीति 2019 पर गहन चर्चा करते हुए इसके लिए पांच सदस्य कमेटी गठित की।

गौरतलब है कि राब्ता-ए-मदारिस इस्लामिया अरबिया देश के दिनी मदरसों का सबसे बड़ा संगठन है जिसका संचालन दारुल उलूम देवबंद करता है।
सोमवार को दारुल उलूम के मेहमानखाने में आयोजित राब्ता-ए-मदारिस इस्लामिया अरबिया की बैठक में दारुल उलूम के मोहतमिम एवं राब्ता-ए-मदारिस के अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी ने कहा कि दीनी मदारिस आलिम-ए-दीन तैयार करने के साथ ही जिम्मेदार और शांतिपसंद नागरिक बनाने का काम कर रहे हैं। लेकिन मौजूदा दौर में मदरसों का संचालन करना मुश्किल होता जा रहा है। इसलिए इनकी हिफाजत को कारगर नीति बनाई जानी बेहद आवश्यक है। 
जमीयत उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि मदारिस-ए-इस्लामिया का इतिहास सुनहरे लफ्जों में लिखे जाने के काबिल है। मदरसों का देश की आजादी और इसके निर्माण में अहम योगदान है। उन्होंने कहा कि आज सबसे ज्यादा जरुरत इस बात की है कि बुजुर्गों के नक्शे कदम पर चलते हुए मदरसों को नए तकाजों के मुताबिक ढाला जाए। मौलाना सिद्दीकुल्लाह चौधरी, मौलाना रहमतुल्लाह मीर, मौलाना अशहद रशीदी, मौलाना नेमतुल्लाह, मौलाना अब्दुल कवी आदि ने भी विचार रखे। इससे पूर्व राब्ता मदारिस इस्लामिया के संचालक मौलाना शौकत अली ने वार्षिक रिपोर्ट पेश की। बैठक में शिक्षा को ओर अधिक बेहतर बनाने, मदरसों को राष्ट्र के लिए अधिक लाभकारी बनाने, शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था करने सहित कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई। 

नई शिक्षा नीति का जायजा लेने के लिए पांच सदस्य कमेटी गठित।
उलेमा की इस बैठक में सरकार की नई शिक्षा नीति 2021 पर चर्चा करते हुए इसके मदरसों पर पडऩे वाले असर का जायजा लेने के लिए पांच सदस्य कमेटी का गठन किया गया। साथ ही मदरसों में शिक्षा के स्तर को सुदृढ बनाने, मदरसों में तरबीयत के निजाम को मजबूत करने और दीनी मदरसों को देश के लिए और अधिक फायदेमंद बनाने के सम्बंध विभिन्न प्रस्ताव पास किए गए।

प्रोग्राम में मौलाना कमरुद्दीन, मुफ्ती इस्माईल मालेगांव, मौलाना महमूद हसन, मौलाना निजामुद्दीन, मौलाना राशिद, मौलाना मो. शाहिद, मौलाना मुजीबुल्ला गोंडवी, मुफ्ती अशफाक अहमद, सराय मीर, मौलाना अली हसन हरियाणा, मौलाना खुर्शीद अनवर, मौलाना अब्दुल खालिक मद्रासी, मौलाना मुफ्ती युसूफ, मौलाना असजद कासमी मुरादाबादी, मौलाना अब्दुल कादिर आसाम, मुफ्ती मो. फारुक ओडिशा, मौलाना कारी अमीन, मौलाना अब्दुल हादी प्रतापगढ़ी, मौलाना मोहम्मद अहमद मध्यप्रदेश, मौलाना दाऊद अमीनी दिल्ली, मौलाना मुफ्ती रियासत अली उत्तराखंड, मुफ्ती शिराज अहमद मणिपुर, मौलाना खालिद, मौलाना मरगूबुर्रहमान बिहार, मुफ्ती मो. खलील पंजाब, मौलाना मुमताज शिमला, मौलाना इनायातुल्ला जम्मूू सहित अन्य प्रमुख उलमा में शामिल रहे। 

समीर चौधरी।

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